वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा झूठा, किसानों के साथ बैठक में कृषि मंत्री ने नहीं लिया अंबानी-अडानी का नाम
सोशल मीडिया पर सरकार और किसानों की बैठक का एक वीडियो वायरल हो रहा है. पंजाबी भाषा के इस खबरनुमा वीडियो में किसानों की बैठक से जुड़ी कुछ जानकारियां साझा की जा रही हैं. जानें क्या है वायरल वीडियो का सच
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि बिल के खिलाफ राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन नौ दिनों से जारी है. आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार कल किसान नेताओं के साथ पांचवे राउंड की बातचीत करेगी. पिछली बैठक में सरकार ने नरम रुख अपनाते हुए किसानों की तरफ से सुझाए गए बदलावों पर विचार करने का भरोसा दिया था.
इस बीच सोशल मीडिया पर सरकार और किसानों की बैठक का एक वीडियो वायरल हो रहा है. पंजाबी भाषा के इस खबरनुमा वीडियो में किसानों की बैठक से जुड़ी कुछ जानकारियां साझा की जा रही हैं. इन जानकारियों को सनसनीखेज बनाने के लिए तेज म्यूजिक, वीडियो एडिटिंग का भी इस्तेमाल किया गया है. यह वीडियो करीब दो मिनट बीस सेकेंड का है.
वीडियो में क्या दावा किया जा रहा है? सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में कृषि मंत्री और किसानों की बातचीत को लेकर सनसनी खेज दावा किया जा रहा है. वीडियो में कहा जा रहा है- कृषि मंत्री ने नरेंद्र तोमर से मुंह से एक बड़ा राज निकला है. यह खुलासा किसान नेताओं और केंद्र की मीटिंग के दौरान हुआ है, जिसकी जानकारी किसान नेताओं ने दी है. कृषि मंत्री ने किसानों से कहा कि आज मैं आपके कहने से कानून रद्द कर दूं लेकिन अंबानी और अडानी हमसे आकर कह रहे हैं कि कानून बनाओ. कृषि मंत्री के मुंह से निकले यह शब्द इशारा कर रहे हैं कि यह कानून किसके कहने पर बने हैं.
क्या है वीडियो का सच? किसानों के आंदोलन के बाद सरकार की ओर से बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था. जिसके बाद किसानों की तरफ से विज्ञान भवन में करीब 35-40 नेता शामिल हुए. वहीं सरकार की तरफ से कृषि मंत्री समेत तीन मंत्री इस चर्चा में आए.
मंगलवार और गुरुवार को हुई बैठकों के बाद तमाम किसान नेता और कृषि मंत्री ने मीडिया के सामने आकर बैठक की जानकारी साझा की. बैठक में आधिकारिक रूप से शामिल किसी भी किसान नेता ने ऐसा कोई दावा नहीं किया, जैसा वायरल वीडियो में बताया जा रहा है. साथ ही वीडियो में जिन व्यावसायिक घरानों के नाम लिए जा रहे हैं उनकी तरफ से भी कृषि कानूनों को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया.
आपका चैनल एबीपी न्यूज़ भी किसान और सरकार के बीच हुई बैठक की पल-पल की जानकारी आप तक पहुंचा रहा था. मौके पर मौजूद हमारे किसी भी रिपोर्टर ने बैठक में इस तरह की चर्चा की जानकारी से इनकार किया है.
वीडियो बनाने के पीछे सिर्फ किसान आंदोलन और सरकार की छवि को खराब करने की मंशा नजर आती है. किसी शरारती तत्व ने किसानों की बैठक को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की है. किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और सरकार उनसे बात कर रही है. लेकिन सोशल मीडिया और तकनीकि के इस दौर में कुछ असमाजिक तत्व इस तरह के वीडियो बनाकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं.
एबीपी न्यूज़ आपसे अपील करता है कि इस तरह के संदेहास्पद दावे करने वाले किसी भी वीडियो, फोटो या ऑडियो पर यकीन ना करें. इन्हें सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने से पहले इनका सच जानने की कोशिश जरूर करें.