कृषि कानून पर गतिरोध के बीच किसान संगठनों का एलान- एक फरवरी को संसद तक निकालेंगे पैदल मार्च
किसान संगठनों ने आज कहा है कि एक फरवरी को संसद तक पैदल मार्च निकालेंगे. बता दें कि 29 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है.
नई दिल्ली: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन आज लगातार 61वें दिन जारी है. इस बीच किसान संगठन गणतंत्र दिवस के मौके पर कल ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है.
इसके बाद किसान संगठनों ने आगे की योजना के बारे में भी बताया है. किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि एक फरवरी को दिल्ली में अलग-अलग जगहों से हमलोग संसद तक पैदल मार्च करेंगे. बता दें कि एक फरवरी को ही केंद्र सरकार आम बजट पेश करेगी.
किसान संगठनों ने साफ-साफ कहा है कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी हम आंदोलन जारी रखेंगे. सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को सुबह 8 बजे परेड शुरू होगी जब तक आख़िरी ट्रैक्टर वापस नहीं आ जाता है तब तक परेड चलता रहेगा. भले इसमें दो दिन लग जाएं.
नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर पर कोई लिमिट नहीं होगी. जितने ट्रैक्टर आए हैं सब परेड में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरे देश में फैल चुका है अब सरकार के पास कोई चारा नहीं बचा है. क़ानून तब तक चलेगा जब तक कृषि क़ानून वापस नहीं होते.
वहीं सरकार का कहना है कि हम कानून में बदलाव के लिए तैयार हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि हम कानूनों में परिवर्तन तक करने को तैयार हैं. इसके मायने यह नहीं लगाने चाहिए कि कानून में कोई खराबी है. लेकिन अगर परिवर्तन से बात बन सकती है और गतिरोध टूट सकता है. एक अच्छा माहौल हो सकता है तो सरकार को इसमें कोई अहम या ईगो नहीं है.