दिल्ली में हिंसा पर ममता बनर्जी बोलीं- केंद्र का असंवेदनशील रवैया और उदासीनता है जिम्मेदार
दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र का असंवेदनशील रवैया और उदासीनता जिम्मेदार है.
कोलकाता: किसानों ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली. इस दौरान शहर के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की घटना देखी गई.
इस हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र का असंवेदनशील रवैया जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करे और तीन नए कृषि कानूनों को वापस ले.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता ने कहा, ‘‘दिल्ली की सड़कों पर हुई चिंताजनक और तकलीफदेह घटनाओं से बहुत दुखी हूं. इन हालात के लिए केन्द्र का असंवेदनशील रवैया और हमारे किसान भाई बहनों के प्रति उसकी उदासीनता जिम्मेदार है.’’
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘पहले तो किसानों को विश्वास में लिए बगैर ये तीन कानून बनाए गए. उसके बाद पूरे देश में प्रदर्शन और दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरने के बावजूद वह (केन्द्र सरकार) बहुत बेरुखी से इस मुद्दे से निपट रही है. केन्द्र को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और तानाशाही कानूनों को वापस लेना चाहिए.’’
दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति भी दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए.
Deeply disturbed by worrying & painful developments that have unfolded on the streets of Delhi. Centre's insensitive attitude and indifference towards our farmer brothers & sisters has to be blamed for this situation. (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 26, 2021
कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा. किसानों का एक समूह लाल किला भी पहुंच गया और वहां गुंबद पर और ध्वजारोहण स्तंभ पर अपने झंडे लगा दिए. इस स्तंभ पर केवल राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है.
हिंसा की घटना में 86 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. इन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. किसान संगठनों ने हिंसा में शामिल लोगों से खुद को अलग कर लिया है. साथ ही कहा है कि हम आंदोलन जारी रखेंगे.
बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 62 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
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