मुंबई: गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने शुक्रवार की शाम ऐलान किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ वे अब अनशन नहीं करेंगे. उनकी ये घोषणा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से मुलाकात के बाद हुई. अन्ना के अनशन वापसी के ऐलान के बाद शिवसेना भड़क गई और उन्हें आड़े हाथों लेते हुए सामना में एक संपादकीय प्रकाशित किया.


बीते महीने अन्ना हजारे ने ऐलान किया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ वह अपने गांव रालेगण सिद्धि में बैठकर आमरण अनशन करेंगे. ये उनकी जिंदगी का आखिरी अनशन होगा. हजारे का कहना था कि उन्होंने अनशन का रास्ता इसलिए अख्तियार किया क्योंकि केंद्र सरकार उनके खतों का जवाब नहीं दे रही थी.


अन्ना हजारे ने आखिरी बड़ा अनशन साल 2011 में जनलोकपाल बिल को लेकर किया था. साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद अन्ना हजारे ने अब तक कोई अनशन नहीं किया. इसलिए कृषि कानूनों के मुद्दे पर पहले से ही उलझी बीजेपी में अन्ना के इस ऐलान के बाद हड़कंप मच गया था. बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उन्हें मनाने के लिए रालेगण सिद्धि भेजा गया लेकिन अन्ना अपने फैसले पर अड़े रहे.


बनाई जाएगी कमेटी


अन्ना को मनाने की फिर एक बार कोशिश की गई. बीते शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस वापस रालेगण सिद्धि पहुंचे. इस बार उनके साथ केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी थे. कुछ घंटे तक अन्ना से चर्चा के बाद यह घोषणा की गई कि अन्ना हजारे अब अनशन नहीं करेंगे. अन्ना ने अनशन वापसी का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने उनसे कहा है कि कृषि हितों के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी और उनकी मांगों पर अमल करने के लिए प्रयत्न किया जाएगा.


अन्ना की अनशन वापसी से बीजेपी ने जहां एक ओर राहत की सांस ली तो वहीं दूसरी ओर शिवसेना बिफर उठी. सामना के संपादकीय में कड़े शब्दों में अन्ना से पूछा गया कि उन्हें अनशन करना क्या सिर्फ कांग्रेस के शासनकाल में ही सूझता है? उसके बाद क्या रामराज्य आ गया? शिवसेना ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी के कार्यकाल में जनता नोटबंदी और लॉकडाउन जैसे फैसलों से परेशान रही लेकिन अन्ना ने करवट तक नहीं बदली, जबकि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अन्ना ने दो बार दिल्ली जाकर अनशन किया. संपादकीय में कहा गया है कि अन्ना की अनशन वापसी के फैसले से ये बात स्पष्ट नहीं होती की कृषि कानूनों को लेकर उनका रुख क्या है.


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