नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेता आज सरकार के साथ नौवें दौर की बैठक में भाग लेंगे, लेकिन उन्हें इस बातचीत से ज्यादा उम्मीद नहीं है. कृषि कानूनों के मुद्दे पर गतिरोध को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल की पहली बैठक 19 जनवरी को होने की संभावना है. ऐसे में आज केंद्र सरकार और किसान संघों के बीच इस मुद्दे पर यह अंतिम बैठक हो सकती है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा, "हम सरकार के साथ बातचीत करेंगे. लेकिन हमें इस बैठक से ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल का हवाला देगी. सरकार की हमारी समस्या सुलझाने की कोई अच्छी मंशा नहीं है."
किसान आंदोलन का 51वां दिन
दिल्ली सीमाओं पर आज किसान आंदोलन का 51वां दिन है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया, सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच 15 जनवरी को दिन में 12 बजे से विज्ञान भवन में बैठक होगी. तोमर ने कहा कि सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ बातचीत करने को तैयार है.
किसान संगठनों ने कहा है कि वे सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार हैं. लेकिन, वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं. किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों को लेकर आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसके सदस्य पूर्व में तीनों कानूनों की पैरवी कर चुके हैं.
भूपिंदर सिंह मान ने गठित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी छोड़ी
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने आंदोलनरत किसानों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी से खुद को अलग कर लिया है. प्रेस नोट में उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों पर किसान यूनियनों से वार्ता शुरू करने के लिए गठित चार सदस्यी कमेटी में मुझे नामित करने के लिए मैं माननीय सुप्रीम का आभारी हूं."
उन्होंने आगे कहा, "खुद किसान और यूनियन के नेता के तौर पर किसान यूनियनों और आम जनता की भावनाओं को देखते हुए मैं किसी भी पद का त्याग करने को तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों के साथ समझौता न हो. इसलिए मैं कमेटी से खुद को अलग करता हूं. मैं हमेशा पंजाब और देश के किसानों के साथ खड़ा हूं."
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