पूरी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से बेहाल है. कई देशों की अर्थव्यवस्था इस महामारी की वजह से पटरी से उतर गई है. भारत की इकोनॉमी भी कोरोना संकट की वजह से काफी प्रभावित हुई है. कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आमदनी पर भी कोरोना की मार पड़ी हैं. दरअसल फलों की बिक्री कम होने की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन अब ग्रामीण महाराष्ट्र के किसानों ने अपनी आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक नई पहल शुरू की है. गौरतलब है कि यहां के फल उत्पादकों द्वारा जन्मदिन या अन्य किसी खास अवसर के लिए बेकरी केक की बजाय फ्रेश फ्रूट्स से बने केक को एक हेल्दी ऑप्शन के रूप में प्रमोट किया जा रहा है.
फ्रेश फ्रूट केक आंदोलन का उद्देश्य
किसानों और कृषि एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्रेश फ्रूट केक आंदोलन सोशल मीडिया पर भी काफी सुर्खियां बटोर रहा है. इस आंदोलन का उद्देश्य फलों की मांग को बढ़ाना है. फिलहाल ये फ्रूट आंदोलन महाराष्ट्र के कई शहरों में फेमस हो रहा है. माना जा रहा है कि इस मुहिम की वजह से देश में फलों की मांग बढ़ सकती है. बता दें कि खेती से जुड़े कई संगठनों द्वारा स्थानी स्तर पर उगाए जाने वाले फलों जैसे तरबूज, खरबूजा, अंगूर, नारंगी, अनानास और केले से बने केक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है.
क्यों शुरू किया गया फ्रूट आंदोलन
कृषि एक्सपर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में फलों की पैदावार बढ़ी है. इस वजह से बाजार में फल मांग से ज्यादा मौजूद हैं. नतीजतन फलों के दाम भी कम हो गए हैं. विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं मांग से ज्यादा आपूर्ति होने के चलते व्यापारी भी उनकी उपज को कम दाम पर खरीद रहे हैं. इस प्रकार की तमाम समस्याओं से निपटने के लिए किसानों ने फ्रूट आंदोलन के रूप में एक नई पहल की शुरुआत की है. जिसके अंतर्गत बर्थ डे, एनिवर्सिरी समेत खास मौकों पर फलों से बने हुए केक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हो रहा है ‘फ्रेश फ्रूट केक मूवमेंट’
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ‘फ्रूट केक’ मूवमेंट ने सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है. कई किसान संगठनों ने तो इस कॉन्सेप्ट पर फ्रेश फ्रूट केक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया है. एक किसान संगठन होय आम्ही शेतकारी सोशल मीडिया पर एक फ्रेश फ्रूट केक कंप्टीशन का आयोजन करवा रहा है. इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों को स्थानीय तौर पर मौजूद फलों से केक बनाना है. इस संगठन के एक सदस्य ने बताया कि फ्रेश फ्रूट केक आंदोलन के तेज होने पर एक कंप्टीशन आयोजित करने का निर्णय लिया गया था. इसमें लोगों से फ्रेश फ्रूट्स केक को फोटो और वीडियो एंट्री के तौर पर मंगाए गए हैं और अब तक 150 से ज्यादा प्रविष्टियां मिल चुकी हैं.
फल उत्पादकों की आमदनी बढ़ाएगा ‘फ्रेश फ्रूट केक’ आंदोलन
फिलहाल ‘फ्रेश फ्रूट केक आंदोलन’ किसानों और उनके परिवारों तक ही सीमित है, उम्मीद है कि सोशल मीडिया की मदद से यह आम आदमी तक भी पहुंचेगा और जल्द ही यह सभी फल उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने का एक स्थायी समाधान बन जाएगा.
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