किसानों की हड़ताल में कूदे राहुल गांधी, कहा- 6 जून को मंदसौर में रैली को करेंगे संबोधित
देश भर के किसान एक से 10 जून तक हड़ताल पर हैं. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने ज्यादा से ज्यादा किसानों से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया है. किसानों से अपील की गई है कि शहरों में सब्जियों, अनाज और दूध जैसे कृषि उत्पादों की आपूर्ति ना करें.
नई दिल्ली: देश भर के किसान 10 दिनों की हड़ताल पर है. अभी तक इस हड़ताल को किसी राजनीति पार्टी का समर्थन हासिल नहीं था लेकिन अपने ताज़ा ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके समर्थन का ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वो 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करेंगे.
उन्होंने लिखा है, "हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं. कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई 10 दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं. हमारे अन्नदाताओं की हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा."
हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं। कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई 10 दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं की हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा। pic.twitter.com/Bv4Hv72jE8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 2, 2018
एक से 10 जून तक की है हड़ताल
आपको बता दें कि देश भर के किसान एक से 10 जून तक हड़ताल पर हैं. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने ज्यादा से ज्यादा किसानों से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया है. किसानों से अपील की गई है कि शहरों में सब्जियों, अनाज और दूध जैसे कृषि उत्पादों की आपूर्ति ना करें.
किसान नेता शिवकुमार के मुताबिक आंदोलन की बड़ी वजह फसल का सही दाम नहीं मिल पाना है. किसान फसल की लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का एलान किया है लेकिन वो भी नहीं मिल रहा है. उस पर कर्ज इतना है कि आत्महत्या करने पर मजबूर है.
किसानों की हैं चार बड़ी मांगें
अपनी प्रमुख मांगों में किसानों का कहना है कि देश के सभी किसानों का पूरा कर्ज माफ हो, किसानों को उनकी उपज का डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य मिले, छोटे किसानों की एक आय निश्चित की जाए, दूध, फल, सब्जी, आलू, प्याज, लहसुन, टमाटर इत्यादि के लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी समर्थन मूल्य निर्धारित करना.
#ABPengage: किसान आंदोलन को लेकर पूछे गए दर्शकों के सवालों के जवाब
आपको बता दें कि राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल का ऐलान किया. महासंघ का दावा है कि देश के लगभग 22 राज्यों के 130 संगठनों ने इसका समर्थन किया है. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में किसान संगठनों ने इसका समर्थन किया है. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन भी बंद में शामिल हैं.
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