नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों की तादाद में दिल्ली और इसकी सीमाओं के आसपास प्रदर्शन कर रहे किसानों का गुरुवार को 43वां दिन है. 8 जनवरी को केन्द्र सरकार के साथ आठवें दौर की बातचीत होने जा रही है. लेकिन, उस बातचीत से एक दिन पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान गुरुवार यानी आज अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं. किसानों की तरफ से आज सुबह 11 बजे सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर (हरियाणा-राजस्थान सीमा) से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.
प्रदर्शनकारी किसानों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच इससे पहले 4 जनवरी को 8वें दौर की हुई वार्ता बेनतीजा रही थी. किसान संगठन तीनों कृषि सुधार संबंधी कानूनों को वापस लिये जाने की अपनी मांग पर अड़े हुए है, वहीं सरकार लगातार नए कानून के फायदे गिनाने में लगी हुई है. इससे पहले, सातवें दौर की किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 8 जनवरी को आगामी बैठक में समाधान निकलेगा, लेकिन ताली दोनों हाथों से बजती है.
बदले गए रूट
संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों के जरिए आज निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा को देखते हुए आम यात्रियों के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल पर मार्ग परिवर्तन किया गया है. यह जानकारी पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रवक्ता ने दी. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जाएगी. ट्रैक्टर यात्रा इस्टर्न पेरीफेरल रोड पर गाजियाबाद के दुहाई, डासना व गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और फिर वहां से वापस आएगी.
पुलिस ने बताया कि इस दौरान गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर 12 बजे से दिन के तीन बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे. इनको डाइवर्ट किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे. उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा. पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रवक्ता अभिनेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और अपर पुलिस आयुक्त कानून- व्यवस्था लव कुमार, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर पहुंचे. सिंह ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को कानून- व्यवस्था संबंधी दिशानिर्देश दिए.
क्या है किसान और सरकार का तर्क?
किसानों की मांग है कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दे. किसानों को डर है कि इन नए कानूनों के जरिए सरकार एमएसपी खत्म कर उन्हें पूंजीपतियों के भरोसे छोड़ देगी. जबकि, सरकार का तर्क है कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश होंगे और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
केन्द्र सरकार की तरफ से नए कृषि कानूनों को सितंबर महीने में विपक्ष के भारी विरोध के बीच संसद से पास कराया गया था. उसके बाद से इन कानूनों के चलते उनके सहयोगी अकाली दल और आरएलपी छोड़कर जा चुकी है. दिल्ली सीमा पर हजारों की तादाद में जुटे किसानों में से अधिकतर प्रदरशनकारी हरियाणा और पंजाब के है. इधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह नए कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
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