Farmers Warning to Central Government: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनिश्चितकालीन अनशन रविवार (29 दिसंबर, 2024) को 34वें दिन में प्रवेश कर गया और खनौरी में अन्य नेताओं ने कहा कि वे गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जारी रखे हुए हैं और यह सरकार पर है कि क्या वह उनके वरिष्ठ नेता (डल्लेवाल) को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती है.
किसान नेताओं का यह बयान डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती न कराये जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना किए जाने के बीच आया है. किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
‘आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही सरकार’
हाल ही में पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि अगर वह अपना अनशन जारी रखना चाहते हैं तो भी चिकित्सा उपचार कराएं. डल्लेवाल ने अभी तक इलाज कराने से इनकार कर दिया है. खनौरी सीमा विरोध स्थल पर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने संवाददाता से कहा, ‘‘हम यह साफ करना चाहते हैं कि केंद्र पहले दिन से ही हमारे आंदोलन को बदनाम करने और दबाने की कोशिश कर रहा है.’’
‘गांधीवादी तरीके से जारी है आंदोलन’
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि इस तरह की कहानी गढ़ी जा रही है कि किसान जिद्दी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जबकि केंद्र ही ऐसा (जिद्दी) रवैया अपना रहा है, हमारी बात नहीं सुन रहा है और किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.’’ किसान नेता ने कहा, ‘‘हम गांधीवादी सिद्धांतों को अपनाकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं. हमारे आंदोलन ने साबित कर दिया है कि सरकार के अत्याचारों के कारण इतना कुछ सहने के बावजूद हम गांधीवादी तरीके से विरोध करना जारी रखे हुए हैं.’’
कौन होगा जिम्मेदार?
कोहाड़ ने कहा, ‘‘हम इन सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं. अब यह सरकार और संवैधानिक संस्थानों पर निर्भर है कि क्या वे डल्लेवाल जी को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि किसान यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जो भी स्थिति उत्पन्न होगी, उसकी जिम्मेदारी केंद्र और संवैधानिक संस्थाओं की होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम देश के लोगों से यह भी अपील करना चाहते हैं कि एमएसपी की गारंटी की मांग करने वाला आंदोलन निर्णायक चरण में पहुंच गया है. हम जीत की ओर हैं... हमें कड़ा रुख अपनाना ही चाहिए. डल्लेवाल ने अपनी जान तक दांव पर लगा दी है.’’
खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पहुंचने का किया आह्वान
कोहाड़ ने कहा कि यह देश के लोगों पर निर्भर करता है कि वे घर ही बैठे रहे या डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पहुंचें. एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता काका सिंह ने कहा कि सरकार डल्लेवाल को धरना स्थल से हटाने की कोशिश कर सकती है और उनकी यूनियन पंजाबियों से अधिक से अधिक संख्या में खनौरी पहुंचने की अपील कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि डल्लेवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस देश के किसानों की खातिर अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं. इस बीच, किसानों ने चार जनवरी को खनौरी विरोध स्थल पर ‘‘किसान महापंचायत’’ का आह्वान किया है.