(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
abp न्यूज़ से बातचीत में किसानों का खुलासा, दीप सिद्धू-लक्खा सिधाना के कहने पर लाल किला पहुंचे थे
किसानों ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि दीप सिद्धू और लाखा सिधाना ने ही किसानों को लाल किला पर जाने के लिए भड़काया. लाल किले पर पहुंचने के बाद दीप सिद्धू ने ही प्रचार पर निशान साहिब फहराने के लिए भी कहा. इस बात को सिद्धू ने एक फेसबुक वीडयो में कुबूल भी किया है.
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद एक नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है और वो नाम है दीप सिद्धू. आरोप लग रहे हैं कि इसी शख्स ने किसानों की भीड़ को लाल किला की तरफ मोड़ा, जिसके बाद हिंसा फैल गई. सिद्धू के बाद एक और नाम सामने आ रहा है, लाखा सिधाना. जानकारी के मुताबिक दीप सिद्धू और लाखा सिधाना ने ही किसानों को लाल किला पर जाने के लिए भड़काया. लाल किले पर पहुंचने के बाद दीप सिद्धू ने ही प्रचार पर निशान साहिब फहराने के लिए भी कहा. इस बात को सिद्धू ने एक फेसबुक वीडयो में कुबूल भी किया है.
कौन है लाखा सिधाना? पंजाब के भटिंडा में रहन वाला लाखा सिधाना अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है. इसके ऊपर कई केस चल रहे हैं और पहले कई मामलों में गिरफ्तारी भी हो चुकी है. लाखा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह सिधाना है और वो कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी था. लेकिन अपराध दुनिया मं पैर रखने के बाद उसने अपने नाम और शौक दोनों को छोड़ दिया. लाखा सिधाना अभी युवाओं को सरकार और सिस्टम के खिलाफ भड़काने का काम करता है. जानकारों के मुताबिक सिधाना चुनाव भी लड़ना चाहता है.
दीप सिद्धू और लाखा सिधाना ने लाल किला जाने के लिए भड़काया लाल किले पर पहुंचे किसानों ने बताया कि दीप सिद्धू और लाखा सिधाना नाम के दो नेताओं ने युवा को लेकर लाल किला जाने के लिए कहा. सीनियर किसान इस बात को लेकर राजी नही थे. लेकिन जो युवा प्रदर्शनकारी उनकी बातों में आ गए और अपने तय समिति से पहले सुबह 8:30 बजे ही सिंघु बोर्डर से लाल किले के लिए कूच कर गए. उसके बाद अन्य किसान संगठनों के प्रदर्शनकारी भी लाल किले पहुंच गए.
हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है. दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं. हालांकि कल देर रात आंदोलनकारियों से लाला किला खाली करवा लिया गया है. कर हुई हिंसा में करीब 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वहीं, इस दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई.
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने माफी मांगी है और परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. फिलहाल प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. हिंसा के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है.
यह भी पढ़ें- ट्रैक्टर परेड: हिंसा के बाद दिल्ली में CRPF की 15 कंपनियां तैनात, जानिए कल से अबतक क्या-क्या हुआ Farmer Protest: दीप सिद्धू पर जमकर बरसे गुरनाम सिंह चढूनी, कहा- यह किसानों का आंदोलन है