Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में चुनावी चर्चा तेज है. इसी बीच शनिवार (11 मार्च) को नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने करीब एक दर्जन पार्टियों के नेताओं के साथ केंद्र शासित प्रदेश में इलेक्शन और अन्य मांगों को लेकर बैठक की.
मीटिंग में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में यथाशीघ्र विधानसभा चुनाव कराने की मांग को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग से मुलाकात करने और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग तेज करने का फैसला किया गया. यह बैठक अब्दुल्ला के आवास पर हुई.
फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा?
बैठक के बाद अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा कि जम्मू-कश्मीर का दर्जा पूर्ण राज्य से घटाकर केंद्र शासित प्रदेश करना राष्ट्र के लिए त्रासदी है. इस मीटिंग में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) नेता अमरिक सिंह रीन, नेशनल पैंथर्स पार्टी नेता हर्ष देव सिंह, आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और जिला विकास परिषद सदस्य टीएस टोनी सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया.
अमित शाह ने क्या कहा था?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल यहां चुनाव के बाद किया जाएगा. इलेक्शन को लेकर चुनाव आयोग को फैसला करना है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में दावा किया था कि जम्मू कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है. जिस तरह से यहां विकास हो रहा है उससे धीरे-धीरे आतंकवाद खुद ही खत्म हो जाएगा. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. शाह ने आगे कहा था कि 370 से देश को नुकसान हो रहा था. इसे मोदी सरकार ने खत्म किया क्योंकि हमेशा से बीजेपी ने इसको लेकर वादा किया था.