श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष तथा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को भारत और चीन से संयम बरतने और संवाद के जरिये सैन्य तनाव कम करने का अनुरोध किया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद आया है.


अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि एलएसी पर तनाव कम करने के लिये शांतिपूर्ण तरीके से राजनयिक माध्यमों का सहारा लिया जाना चाहिये. युद्ध समाधान नहीं है, इससे दक्षिण-पूर्वी एशिया में रहने वाले लोगों की मुश्किलें ही बढ़ेंगी.


श्रीनगर से सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों देशों को सीमा विवाद को लेकर टकराव बढ़ाने के बजाय सकारात्मक संवाद और पूरे क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति के लिये प्रयास करने चाहिये.


उन्होंने कहा, 'मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वह जिम्मेदारी से काम ले और इस क्षेत्र के दो विशाल तथा घनी आबादी वाले देशों के बीच तनाव पैदा करने से परहेज करे. मुझे विश्वास है कि दोनों देशों की सरकारें आपसी टकराव के संभावित नतीजों से अवगत हैं.''