नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत से बातचीत को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि हुर्रियत से बातचीत होनी चाहिए.
उन्होंने आज कहा, ''राज्यपाल (सत्यपाल मलिक) ने कहा है कि हुर्रियत बातचीत के लिए तैयार है, अब उनसे बातचीत किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के साथ भी बातचीत होनी चाहिए.''
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा था कि पिछले साल अगस्त से कश्मीर घाटी में हालात बेहतर हुए हैं और हुर्रियत कांफ्रेंस सरकार के साथ बातचीत करना चाहती है. मलिक ने कहा, ‘‘हुर्रियत कांफ्रेंस बातचीत करना नहीं चाहती थी. राम विलास पासवान उनके दरवाजे पर (2016 में) खड़े थे. लेकिन वे लोग बातचीत के लिए तैयार नहीं थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज वे बातचीत के लिए तैयार हैं और वार्ता करना चाहते हैं.’’
मलिक ने कहा कि पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का उनके राज्यपाल बनने के बाद से हालात में सुधार हुआ है. आतंकवादियों की भर्ती लगभग थम गई है और शुक्रवार को होने वाली पथराव की घटनाएं भी बंद हो गई है.
आपको बता दें कि राज्यपाल का बयान ऐसे समय में आया है जब अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि वो राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाए और राज्य में हिंसा को खत्म करने के लिए हर संभव उपाय करे.