Jammu Kashmir: 'भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं, वे सबके हैं', बोले फारूक अब्दुल्ला
Jammu Kashmir News: फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मेरे पिता से मिलने के लिए जिन्ना आए थे, लेकिन उन्होंने उनसे हाथ नहीं मिलाया. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी पाकिस्तान का पक्ष नहीं लिया.
Farooq Abdullah News: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार (19 नवंबर) को एक जनसभा के दौरान बीजेपी पर हमला बोला है. साथ ही उन्होंने लोगों को आगाह किया कि कुछ नेता धार्मिक विभाजन पैदा करके पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. फारूक अब्दुल्ला ने बीते शुक्रवार को ही नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष पद से हटने की घोषणा की थी.
फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कि वे चुनाव के दौरान 'हिंदू खतरे में हैं' का बहुत उपयोग करेंगे, लेकिन मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इसका शिकार न हों. अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भगवान राम सबके हैं, केवल हिंदू धर्म के लोगों के लिए नहीं.
"कभी पाकिस्तान का पक्ष नहीं लिया"
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी धर्म बुरा नहीं है, यह इंसान हैं जो भ्रष्ट हैं. हम पर लगातार आरोपों लगते रहे पर हमने कभी भी पाकिस्तान से हाथ नहीं मिलाया. उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने कभी पाकिस्तान का पक्ष नहीं लिया. जिन्ना मेरे पिता से मिलने आए थे, लेकिन हमने उनसे हाथ मिलाने से इनकार कर दिया.
"सरकार ने नौकरी का वादा पूरा नहीं किया"
फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में अपने वादे पूरे नहीं किए. हमें यहां 50,000 नौकरियों का वादा किया गया था, वे कहां हैं? हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और हमारे बच्चे सभी बेरोजगार हैं. यह एक राज्यपाल की ओर से नहीं किया जा सकता है, आप उन्हें जवाबदेह नहीं ठहरा सकते इसलिए चुनाव महत्वपूर्ण हैं.
"फिर एक होंगे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख"
जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत करते हुए अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि वह समय दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख एक बार फिर से एक हो जाएंगे. 2019 अगस्त में, केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था जिसके बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. उनका ये बयान जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के बाद पहले चुनाव की तैयारी के बीच आया है. चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने की उम्मीद है.
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