नई दिल्लीः आज देश के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि है. इस मौके पर देश में कई जगह उनकी याद में कार्यक्रम आयोजित हुए. जम्मू में भी इसे लेकर आज कार्यक्रम हुआ जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारुक अब्दुल्ला शामिल हुए.


डॉ भीमराव अम्बेडकर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि जो संविधान भीमराव अंबेडकर ने दिया वो सब से अच्छा संविधान है. यह संविधान सब को बराबरी देता है. आज कल जो हुकूमत में बैठे हैं वो इसके सेक्युलर चरित्र को बदलना चाहते हैं. हम सब को इसके खिलाफ एकजुट होना है. महात्मा गांधी के शांति के रास्ते से देश आजाद हुआ हुआ और आज देश में नफरत फैलाई जा रही है.

फारुक अब्दुल्ला उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमलावर होते हुए कहा कि नफरत की इंतेहा देखिए कि एक राज्य में पुलिस अफसर मारा जाता है लेकिन वहां का सीएम मैच देख रहा है. इस पर मुझे बेहद अफसोस होता है. ये लोग राम के नाम पे वोट मांगते है. क्या राम और अल्लाह को वोट चाहिए? योगी जी धमकी देते है ओवैसी को. कहा जाता है कि जैसे निज़ाम भागा वैसे ही इन्हें भी भगाया जाएगा. राम ने नफरत नही फैलाई जैसा कि आज राम के नाम पर किया जा रहा है. ये भगवान राम को नहीं समझे. वो विश्व के भगवान हैं.

मोदी सरकार पर हमला करते हुए फारुक अब्दु्ल्ला ने कहा कि जब इन्होंने देखा कि इनके वादे पूरे नहीं हुए. नौकरियां और 15 लाख के बदले जीएसटी और नोटबन्दी जैसे फैसलों से लोगों को बर्बाद कर दिया. साढ़े चार साल से सरकार ने क्या किया? सिर्फ नफरत फैलाई. साफ है कि ये कोई काम नही करेंगे, यह देश को बर्बादी के रास्ते पर ले जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस देश को कितना बांटोगे?

भगवान राम ने 14 साल मुसीबतें उठाई और वापस आकर सब के हक की बात की. हमें अगर इस वतन को बचाना है तो एकसाथ बचाना है. सरकार की तरफ से आज भी कोशिश की जा रही है इलेक्शन न हो क्योंकि इन्हें हार का डर है. इसलिए ये चुनाव के समय भगवान राम के नाम को लाएंगे. वो कहते हैं सबका साथ सबका विकास लेकिन उसके लिए उन्हें ऊपर उठना पड़ेगा.

कश्मीर के हालात पर बोले
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में चुनाव दिल्ली की मर्ज़ी से नहीं लोगों की मर्ज़ी से होना चाहिये. हमें चुनाव किसी के साथ मिल कर नही लड़ना है और अपने बलबूते पर लड़ना है. हमारे बीच सहिष्णुता होनी चाहिए और सबकी बात सुनने की क्षमता होनी चाहिए.
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