नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को लेकर दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक हलचल जारी है. इस बीच क्षेत्रीय दलों ने श्रीनगर में फारूक अब्दुल्ला के घर बैठक की. बैठक के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल अनुच्छेद 370 को रद्द करने, राज्य को तीन हिस्सों में बांटने या परिसीमन के किसी भी कदम का विरोध करेंगे. साथ ही उन्होंने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों से हर परिस्थिति में शांति कायम रखने की अपील की.


नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में स्वीकार किये गए प्रस्ताव के हवाले से कहा कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने और संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है.


सर्वदलीय बैठक में फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, ताज मोहीउद्दीन (कांग्रेस), मुजफ्फर बेग (पीडीपी), सज्जाद लोन और इमरान अंसारी (पीपुल्स कांफ्रेंस) , शाह फैसल (जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट) और एमवाई तारीगामी (माकपा) भी शामिल हुए.


कल होगी मोदी कैबिनेट की बैठक


दिल्ली में अमित शाह ने सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर को लेकर बैठक की. घंटे भर चली इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. अब सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर कैबिनेट की बैठक होगी.


दरअसल, पिछले दिनों जब अतिरिक्त सुरक्षाबलों को घाटी में भेजा गया तो तभी से चर्चा है कि सरकार अनुच्छेद 35A पर फैसला ले सकती है. यहां ध्यान रहे कि जम्मू-कश्मीर की सभी स्थानीय पार्टियां अनुच्छेद 35A में किसी भी तरह का बदलाव का विरोध कर रही है. यह अनुच्छेद राज्य के बाशिंदों को सरकारी नौकरियों और भूमि पर विशेष अधिकार देता है.


अनुच्छेद 35A, राज्य को बांटने या परिसीमन को लेकर चर्चा और तेज तब हो गई जब शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों/पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहा. इस आदेश के बाद से हजारों लोग कश्मीर छोड़ चुके हैं.



लोग स्टॉक कर रहे हैं जरूरी सामान


एनआईटी, श्रीनगर में पढ़ रहे दूसरे राज्यों के छात्रों को भी परिसर खाली करने और घर लौटने को कहा गया है. उन्हें अगले आदेश तक नहीं लौटने को कहा गया है. इन आदेशों के बाद से परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर दिख रहे हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.



अधिकारियों ने बताया कि यहां पूरे शहर तथा कश्मीर घाटी के अन्य खतरा संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं जो पिछले हफ्ते यहां पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे, केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं.


Explained: जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 35ए क्या है और इसके हटाए जाने से क्या कुछ बदल जाएगा?