'क्या आसमान से आएगा जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा?', जानें किस बात पर भड़के फारूक अब्दुल्ला
Farooq Abdullah On Batenge To Katenge Slogan: फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के अंदर विवधता में एकता है और इस नारे का मतलब उन्हें नहीं समझ आता.

Jammu Kashmir Politics: देश में इन दिनों बंटोगे तो कटोगे नारे की गूंज सुनाई दे रही है. मामले पर जमकर राजनीत भी हो रही. ताजा घटनाक्रम में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और जेकेएनसी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अभी हम एक नहीं हैं तो क्या हैं? इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर भी अपनी बात रखी.
'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर उन्होंने कहा, "इसका क्या मतलब है? यह नारा क्या है? मुझे समझ नहीं आता कि इसका क्या मतलब है. 'कटेंगे, बटेंगे' का क्या मतलब है? मुझे नहीं पता. अगर हम एक नहीं हैं तो हम क्या हैं? क्या भारत एक नहीं है? भारत में विविधता में एकता है. विविधता को मजबूत करने से ही भारत मजबूत होगा."
‘आसमान से नहीं आएगा पूर्ण राज्य का दर्जा’
जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे पर जेकेएनसी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "नई सरकार बने कितने दिन हो गए हैं? कितने हफ्ते? क्या राज्य का दर्जा आसमान से आएगा? मुझे कोई संदेह नहीं है कि हमें राज्य का दर्जा मिलेगा."
‘ये राज्य आपका और आप हैं इसके मालिक’
अब्दुल्ला ने कहा, "केंद्र सरकार को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए क्योंकि इससे हमारी अधिकांश समस्याओं का समाधान हो जाएगा." यूटी प्रशासन पर कटाक्ष करते हुए अब्दुल्ला ने दावा किया कि स्थानीय ठेके बाहरी लोगों को सौंपे जा रहे हैं, जैसे कि क्षेत्र के लोग अकुशल या अक्षम हैं. एनसी प्रमुख ने कहा, "यह राज्य आपका है. आप इसके असली मालिक हैं. इसलिए खड़े हो जाइए और अपने अधिकारों को पुनः प्राप्त कीजिए. तभी आपके मुद्दे हल होंगे."
नौकरशाही शासन की आलोचना करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "अतीत में अधिकारी लोगों की बात नहीं सुनते थे. हालांकि, आज लोग मंत्रियों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं और उनसे उम्मीद करते हैं कि वे उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे और सही निर्णय लेंगे."
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