Watch: 'जीना यहां, मरना यहां इसके सिवा...', जब फारूक अब्दुल्ला ने संसद परिसर में गुनगुनाया ये गाना
Farooq Abdullah ने आरजेडी नेता एबी सिद्दीकी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह सच है कि भारत में नफरत बढ़ी है, लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है.
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Farooq Abdullah Singing Song: अपने बेबाक बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहने वाले लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को संसद (Parliament) परिसर में 'मेरा नाम जोकर' फिल्म का एक प्रसिद्ध गीत गुनगुनाया. उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए 'जीना यहां मरना यहां… इसके सिवा जाना कहां…' गीत गाया. गीत गाते वक्त वह भावुक भी हो गए.
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए आरजेडी नेता एबी सिद्दीकी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह सच है कि भारत में नफरत बढ़ी है, लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है. हमें एकजुट रहना है और इसे (नफरत) खत्म करना है. अगर इस देश को बचाना है, तो सभी धर्मों के लोगों को भाईचारे का पालन करना चाहिए."
क्या कहा था एबी सिद्दीकी ने?
दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता एबी सिद्दीकी ने हाल ही में विदेश में रह रहे अपने बेटा-बेटी से कहा था कि भारत अब रहने लायक देश नहीं है. उन्होंने एक उर्दू अखबार के कार्यक्रम में इस बात की जानकारी दी. एबी सिद्दीकी ने यह भी कहा कि हम अपने बच्चों को यह कहने को मजबूर हैं कि वो विदेश में ही रहें और हो सकें तो वहीं की नागरिक ले लें. एबी सिद्दीकी को अपने इस बयान के बाद खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
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पठान विवाद पर बोले फारूक अब्दुल्ला
लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "शाहरुख खान की नई फिल्म (पठान) में भगवा रंग के कपड़े पहनने पर विवाद छिड़ गया. क्या इसका मतलब यह है कि भगवा हिंदुओं का है और हरा मुसलमानों का? यह क्या है? गाय हिंदुओं की और बैल मुसलमानों का?"
फारूक अब्दुल्ला की ड्रैगन को चुनौती
फारूक अब्दुल्ला ने चीन के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चीन को चुनौती देते हुए कहा कि यह अब 1962 का भारत नहीं है, चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा. इससे पहले, फारूक अब्दुल्ला ने तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प पर कहा था कि चीन के साथ बातचीत होनी चाहिए.
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