Farooq Abdullah On Amit Shah: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर रविवार को हैरानी जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में दीर्घकालिक शांति के लिए लोगों की आकांक्षाओं और इच्छाओं को तृप्त करना होगा. उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के इस तर्क पर हैरानी जताई कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन पूरा करने और चुनाव के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये बड़ी हैरानी की बात है. फारूख अब्दुल्ला ने कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक का स्मरण किया, जिसमें उन्होंने यह मुद्दा उठाया था.
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने पुंछ के मेंढर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "मोदी ने तब कहा था कि दिल जीतकर नई दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच के अंतराल को पाटना होगा. जम्मू-कश्मीर के दर्जे को कमजोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता, जिसे विभाजित कर दिया गया."
बता दें कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले का बचाव करते हुए शाह ने शनिवार को कहा था कि पांच अगस्त, 2019 का दिन कश्मीर के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा है. उन्होंने कहा था कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे, जिसके बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.
गृह मंत्री ने जनसभा में कहा, "लंबे अंतराल के बाद मैं जम्मू के भाइयों और बहनों से मिलने आया हूं. मैं खराब मौसम के कारण थोड़े तनाव में था और आपसे मिलने को लेकर असमंजस था, लेकिन माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से सूरज बाहर आया और हम मिले." साथ ही उन्होंने कहा, "आज जम्मू-कश्मीर के नेता पंडित प्रेम नाथ डोगरा की जयंती है, जिन्होंने मुखर्जी के साथ मिलकर 'एक निशान, एक विधान और एक प्रधान' का नारा लगाया था और भारत के साथ राज्य के एकीकरण के लिए पूरी तरह मेहनत की."
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