फर्रुखाबाद:फर्रुखाबाद में आठ घंटे के ऑपरेशन के बाद अगवा किए गए 23 बच्चे छुड़ा लिए गए पुलिस ने मुठभेड़ में बच्चों को अगवा करने वाले सुभाष बाथम मारा गिराया. लेकिन इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है जिसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे हैं. वीडियो में गांव वाले सुभाष बाथम को पीटते हुए दिख रही है और पुलिस उसे बचाते हुए वहां से निकाल के ले जा रही है.
एनकाउंटर में सुभाष बाथम की पत्नी की भी गोली लगने से मौत हो गई है. इस ऑपरेशन में प पुलिसकर्मियों सहित कुल 6 लोग घायल हुएहैं.
यूपी पुलिस ने इसे 'ऑपरेशन मासूम' नाम दिया था, सीएम ने पुलिस टीम के लिए की 10 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा
बच्चों को बाहर निकालने के लिए यूपी पुलिस ने इसे 'ऑपरेशन मासूम' का नाम दिया था. इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद डीजीपी ओपी सिंह और प्रमुख सचिव गृह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि सुभाष बाथम नाम के आरोपी को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया है. एटीएस और एनएसजी की टीम के आने से पहले जब आरोपी ने जब धमकियां देनी शुरू की तो पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. इस दौरान आरोपी की तरफ से फायरिंग की गई. जवाब में पुलिस की तरफ से फायरिंग में आरोपी मारा गया. कुल 23 बच्चे बचाये गए हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रात 8 बजे से लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे. सीएम ने पुलिस टीम को 10 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा का एलान किया है.
सुभाष बाथम ने अपनी बच्ची के जन्म दिन के बहाने बच्चों को अपने घर बुलाया था
इस शख्स ने अपनी बच्ची के जन्म दिन के बहाने बच्चों को अपने घर बुलाया था और घर के नीचे बने बेसमेंट में रखा था. उसने मकान के अंदर से छह बार गोली भी चलाई. वह स्थानीय विधायक से बात करना चाहता था, विधायक वहां गये लेकिन उसने उनसे बात नहीं की. पुलिस ने बताया कि सुभाष ने काफी मात्रा में गोला बारूद इकट्ठा कर रखा था और वो लंबी लड़ाई लड़ना चाहता था. वो बार-बार धमाके की धमकी भी दे रहा था. पुलिस ने बताया कि उसके एक रिश्तेदार को भी बातचीत के लिये घर के करीब भेजा गया लेकिन उसने रिश्तेदार पर भी गोली चला दी जिससे वह घायल हो गया.
योगी आदित्यनाथ खुद कर रहे थे घटना की मॉनिटरिंग
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे. सीएम योगी ने डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह समेत अन्य प्रमुख अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई थी. सात घंटे से ज्यादा समय तक बच्चे बंधक बने रहे. बच्चों के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था. मौके की गंभीरता को देखते हुए कई जिलों के फोर्स बुलवाई गई. फर्रुखाबाद में एटीएस की स्पॉट टीम मौके पर भेजी गई थी.
शख्स को आजीवन कारावास की सजा मिली हुई थी, केस हटाने की मांग कर रहा था
सुभाष बाथम ये मांग कर रहा है कि उसके खिलाफ जितने भी केस है उसे हटाया जाए. सुभाष ने गोली भी चलाई जिसमें एक शख्स घायल हो गया. दरअसल ये शख्स सुभाष को मनाने गया था, तभी उसने उसके पैर पर गोली चला दी. एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पीवी रामाशास्त्री ने बयाया कि मर्डर केस में इस शख्स को आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है और वह जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था. उसने गांव वालों पर भी फायरिंग की थी.
सुभाष बाथम की उम्र 40 साल है और उस पर चार मुकदमे दर्ज थे. एक मुकद्दमा धारा 302 का भी है. सुभाष का कहना था कि बीजेपी के नेताओं के इशारे पर उसके और उसके परिवार का उत्पीड़न किया गया.
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