आज 15 जनवरी है और आज से फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है. अगर आप टोल प्लाजा से गुजरते हैं और आपके पास फास्टैग नहीं है तो आपको कैशलेन से जाना होगा. अगर आप फास्टैग लेन में घुस गए तो आपको दोगुना टोल देना पड़ेगा. जल्द ही योजना कैश लेन को खत्म करने की है इसलिए जितना जल्दी हो सके फास्टैग बनवा लें ताकि परेशानी से बच सकें.


वैसे तो फास्टैग 15 दिसंबर 2019 से सभी वाहनों, प्राइवेट और कमर्शियल के लिए अनिवार्य हो गया था लेकिन लोगों को किसी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए 15 जनवरी तक का अतिरिक्त वक्त दिया गया था. फास्टैग की 25 फीसदी लेन को हाइब्रिड रखा गया था. इनमें 15 जनवरी तक FASTag के साथ कैश पेमेंट से भी टोल लिया जा रहा था. वहीं टोल प्लाजा की 75 फीसदी लेन में गाड़ियों से फास्टैग के जरिए ही टोल लिया जा रहा था.


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आपको बता दें कि देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग प्रक्रिया शुरु हो गई है. अब इसी तरीके से टोल कलेक्ट किया जाएगा. ये तकनीक RFID यानि रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिटीफिकेशन के नाम से जानी जाती है. इस तकनीक के जरिए वाहन चालक बिना रुके पेमेंट कर सकेंगे. इसके कारण अब टोल प्लाजा पर लाइनें नहीं लगेंगी.


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अगर आपके पास फास्टैग नहीं है और आप इस लेन से गाड़ी निकालना चाहते हैं तो आपको दोगुना टैक्स देना होगा. अधिकारियों ने बताया कि फास्टैग के कारण ना केवल वक्त की बचत होगी बल्कि लाइनें नहीं होने के कारण प्रदूषण भी कम होगा, यही नहीं कागज का इस्तेमाल भी कम होगा.


टोल टैक्स कलेक्शन के लिए ये फास्टैग शुरु किया गया है जो ऑटोमैटिक काम करेगा. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल से गुजरेगी, टैक्स अपने आप चिप में से कट जाएगा. 22 बैंक और ईकॉमर्स वेबसाइटें फास्टैग बेच रही हैं.


इलेक्ट्रानिक टोल को लेकर ये सख़्ती अचानक नहीं है बल्कि सरकार पिछले तीन साल से फ़ास्टैग को प्रमोट करने की कोशिश कर रही थी लेकिन पिछले वित्त वर्ष में महज़ 25% टोल ही कैशलेस तरीक़ों से आ पाया.