रांची/नई दिल्ली: देश में कंधे पर लाश ढोने के लिए मजबूर हो रहे लोगों की खबरें काफी समय से हैं. अब झारखंड के गुमला जिले में एक व्यक्ति को रविवार को अपने नाबालिग बेटे का शव अपने कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा. आरोप है कि उसे एंबुलेंस देने से मना कर दिया गया था. राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घटना की जांच का आदेश दिया है. करन सिंह के आठ साल के बेटे सुमन को चार दिन पहले बुखार की शिकायत पर गुमला के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.


सुमन ने रविवार को दम तोड़ दिया. आरोप है कि उसका इलाज करने वाले चिकित्सकों ने मलेरिया के उपचार के लिए जो दवाएं लिखी थीं, वे अस्पताल में उपलब्ध नहीं थीं. करन सिंह ने अपने बच्चे का शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया. इस पर उन्होंने बच्चे का शव अपने कंधे पर लाद लिया. उनके पीछे बच्चे की मां रोते हुए चल रहीं थीं.


मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला लाए जाने पर उन्होंने इसकी जांच का आदेश दिया. यह राज्य में एक महीने के अंदर घटी इस तरह की दूसरी घटना है.


 

मानवता शर्मसार: अपने बच्चे के शव को पैदल ढोने को मजबूर हुए परिजन