नई दिल्ली: हिंदू धर्म में बेटियों की शादी के वक्त 'कन्यादान' की प्रथा काफी प्रचलित है. माना जाता है कि कन्यादान करना एक पिता के लिए बहुत भावुक करने वाला और गर्व की बात होती है, लेकिन बंगाल का एक पिता अपनी बेटी का कन्यादान ना करने से काफी चर्चा में है.


दरअसल, बंगाली रीति-रिवाज से हो रही एक शादी में जब महिला पंडित ने लड़की के पिता से कन्यादान की रस्म करने के लिए कहा तो पिता ने ऐसा करने से मना कर दिया. इस मौके पर पिता ने एक छोटा भाषण भी दिया और कहा कि मेरी बेटी दान करने के लिए कोई प्रॉपर्टी नहीं है.


ये सारी बातें अस्मिता नाम के एक ट्विटर हैंडल से शेयर की गई हैं, जिसके बाद से ट्विटर पर इस कदम को लेकर बहस छिड़ गई. कुछ लोगों ने इसे सराहा है तो वहीं कुछ लोगों ने कन्यादान ना करने को लेकर इसकी आलोचना भी की है.





अस्मिता ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है, ''मैं महिला पंडितों के साथ एक शादी में हूं. उन्होंने दुल्हन को 'मां के नाम' और 'पिता के नाम' (पहले मां का नाम) से कहकर बुलाया. दुल्हन के पिता ने एक भाषण देते हुए कहा कि वो कन्यादान नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनकी बेटी कोई प्रॉपर्टी नहीं है. मैं इससे बहुत ज्यादा प्रभावित हूं.''


हालांकि, लड़की के पिता ने ये फैसला अचानक ही नहीं किया. बल्कि, छह महीने पहले से ही लड़की और लड़के के परिवारों में इस बात पर आपसी सहमति बन गई थी.