चेन्नई: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से एक दर्दनाक मामला सामने आया है. अपने बेटे को डॉक्टर बनाने की तमन्ना पाले बैठे 46 साल के कृष्णसामी उसे नीट की परीक्षा दिलाने के लिए तमिलनाडु से केरल लेकर गए, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. जब उनका बेटा परीक्षा दे रहा था, तब उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.


कृष्णसामी अपने बेटे कस्तूरी महालिंगम को केरल के एर्नाकुलम में राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) का पेपर दिलाने के लिए लेकर गए थे. वहां पर महालिंगम को परीक्षा के लिए केंद्र आवंटित किया गया था. अपने बेटे को परीक्षा केंद्र छोड़ने के बाद वह लॉज में चले गए थे. वहीं उन्हें दिल का दौरा पड़ा.


सीएम ने अधिकारियों को दिए छात्र की शिक्षा के लिए कोष मुहैया कराने के आदेश


मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने एलान किया कि तमिलनाडु की सरकार महालिंगम की उच्चतर शिक्षा का खर्च उठाएगी. उन्होंने कहा कि कृष्णसामी की पत्नी भारती महादेवी से जब उन्होंने फोन पर बात की तो उन्होंने यह अपील की थी. मुख्यमंत्री ने अपना दुख जताने के लिए फोन किया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को छात्र की शिक्षा के लिए कोष मुहैया कराने के लिए उचित कदम उठाने के आदेश दिए हैं. घटना पर रोष जताते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि शव को वापस लाने के लिए अधिकारियों की एक टीम को पड़ोसी राज्य भेजा गया है.


सीएम ने किया तीन लाख रुपए के मुआवजे का एलान


पलानीस्वामी ने मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और मुख्यमंत्री जन राहत कोष से तीन लाख रुपए के मुआवजे का एलान किया. मृतक तिरूवरूर जिले में विलन्गुडी गांव का रहने वाला था. पलानीस्वामी ने बताया कि कृष्णसामी को दिल का दौरा पड़ने के बाद एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई. जब वह अपनी आखिरी सांसे ले रहे थे तब उनका बेटा परीक्षा केंद्र पर इम्तिहान लिख रहा था और इस बात से वाकिफ नहीं था.


उधर, कृष्णसामी की मौत पर दुख जताते हुए द्रमुक के कार्यवाहक प्रमुख एम स्टालिन ने तमिलनाडु के छात्रों को नीट से छूट दिलाने के खातिर कानूनी उपाय नहीं करने को लेकर अन्नाद्रमुक को आड़े हाथों लिया है.गौरतलब है कि तमिलनाडु के छात्रों को राज्य में ही परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है.