बीजापुर मुठभेड़: गलत खुफिया जानकारी बनी 22 जवानों के लिए काल, नक्सलियों ने 'U फॉर्मेशन' में सुरक्षाबलों को घेरा- सूत्र
बस्तर के बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में जवानों के शहीद होने की खबर सामने आते ही राज्य सरकार में हड़कंप मच गया. शहीद जवानों की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. वायरल वीडियो में जवानों की लाश जंगल में पड़े हुए दिखाई दे रही है. नक्सली शहीद जवानों के हथियार और जूते भी लूट ले गए हैं.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ है. अब तक 22 जवानों के शव बरामद किए जा चुके हैं, वहीं एक जवान अभी भी लापता है. इस हमले में कुल 32 जवान घायल भी हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक इस हमले के पीछे गलत खुफिया जानकारी का होना बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सलियों के दो बड़े कमांडर माडवी हिडमा और उसकी सहयोगी सुजाता बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाडिय़ों के पास के छिपे हुए हैं.
इस जानकारी के आधार पर शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था. नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर, सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक सुरक्षाबलों को मिली नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी एक जाल साबित हुई.
सूत्रों के मुताबिक खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबल जब सुराग वाली जगह पर पहुंचे तो करीब 400 नक्सलियों ने उन्हें तीन तरफ से घेर लिया. सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई. सुरक्षाबलों ने भी बाहदुरी का परिचय देते हुए जोरदार पलटवार किया. लेकिन जंगल के हालातों का फायदा नक्सलियों को मिला और सुरक्षाबलो को भारी नुकसान उठाना पड़ा. अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों ने अंग्रेजी के U अक्षर के आकार में तीन तरफ से सुरक्षाबलों पर धावा बोला.
मुख्यमंत्री और CRPF डीजी का गलत खुफिया जानकारी से इनकार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने किसी भी तरह के खुफिया तंत्र की नाकामी से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ''यह कहने की कोई गुंजाइश नहीं है कि हमले में किसी तरह खुफिया तंत्र की नाकामी थी. अगर यह किसी तरह की गलत जानकारी होती तो सुरक्षाबल ऑपरेशन के लिए नहीं जाते. साथ ही अगर गलत जानकार होती तो इकते नक्सली नहीं मारे जाते.''
हमले का मास्टर माइंड है नक्सली कमांडर हिडमा सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम के साथ नक्सलियों की 4 घंटे मुठभेड़ चली थी. इस हमले का मास्टरमाइंड बटालियन नंबर 1 का हेड हिडमा है. माओवादियों का ये सबसे बड़ा बटालियन है. नक्सली हिडमा की बात करें तो इसे लेकर ज्यादा पुख्ता जानकारी मौजूद नहीं है. जानकारी के मुताबिक इसकी उम्र तीस साल के आसपास है. उसके सिर पर सरकार ने करीब 40 लाख का इनाम रखा हुआ है.
छत्तीसगढ़ में हुए अब तक कई बड़े हमलों में हिडमा का हाथ रहा है. साल 2011 में सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत और मई 2013 में जीरम घाटी में 32 लोगों की मौत के पीछे भी हिडमा का हाथ माना जाता है. इस हमले में कांग्रेस के कई बड़े नेत भी मारे गए थे.
गृहमंत्री ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, कहा- शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी नक्सली हमले में घायल जवानों से मिलने के लिए गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंचे. गृह मंत्री अमित शाह ने जगदलपुर के पुलिस लाइन में शहीद जवानों को श्रद्धांजली दी. जगदलपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी अगुवाई की. गृहमंत्री रायपुर के अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से भी मुलाकात करेंगे. गृह मंत्री वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे, इसके बाद गृह मंत्री बासागुड़ा सीआरपीएफ कैंप भी जाएंगे. शाम साढ़े पांच बजे अमित शाह दिल्ली लौटेंगे.
बीजापुर नक्सली मुठभेड़ में जवानों की शहादत की सूचना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम भूपेश बघेल से इस मुद्दे पर बातचीत की और केंद्र सरकार की तरफ से हर स्तर पर राज्य सरकार को मदद देने का भरोसा दिलाया. अमित शाह और भूपेश बघेल दोनों असम में अपनी-अपनी पार्टियों का चुनाव प्रचार बीच में छोड़ वापस लौट आए.
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