नई दिल्लीः किसानों के अनाज की खरीद का मसला दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन का एक प्रमुख बिंदु है. खरीद के न्यूनयम समर्थन मूल्य को क़ानूनी तौर पर अनिवार्य बनाने की मांग की जा रही है. हालांकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं दिख रही है.


किसानों के खाते में भेजी जाएगी खरीद की रकम


अब खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने किसानों के अनाज की खरीद से जुड़ा एक बड़ा ऐलान किया है. मंत्रालय ने इस मामले में एक बड़ा फ़ैसला किया है. खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आने वाले खरीद सीजन से किसानों को उनकी उपज की बिक्री का पैसा सीधा उनके खाते में भेजने का फ़ैसला किया गया है. इसकी शुरुआत करते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा सरकार से कहा है कि जल्द शुरू होने जा रहे रबी खरीद सीजन से ही किसानों को उनकी उपज की बिक्री का पैसा उनके खाते में ही भेजें.


कई राज्यों में योजना शुरू करने की तैयारी


इतना ही नहीं , खाद्य मंत्रालय के मुताबिक़ सरकार पूरे देश में बायो ऑथेंटिकेशन (जैसे आधार) के ज़रिए अनाज ख़रीदने की योजना पर काम कर रही है. मंत्रालय के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में ये काम शुरू किया गया है जबकिं ओडिसा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश भी इस व्यवस्था को शुरू करने के इच्छुक हैं.


नहीं बढ़ेंगे गरीबों को मिलने वाले अनाज की कीमत


उधर खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों को दिए जा रहे सस्ते अनाज की कीमत में कोई बढोत्तरी नहीं की जाएगी. हाल ही में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की वक़ालत की गई थी. योजना के तहत देश के 80 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों को चावल 3 रुपए प्रति किलो, गेहूं 2 रुपए प्रति किलो और एक मोटा अनाज 1 रुपए प्रति किलो दिया जाता है.


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