Delhi Latest News: देश में चुनावी समर से पहले दिल वालों की दिल्ली को किसी की नजर लग गई है. शायद यही वजह है कि राष्ट्रीय राजधानी में असुरक्षा को लेकर आशंका जताई गई है कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली का सांप्रदायिक माहौल दहल सकता है. ऐसे में ऐहतियाती तौर पर शहर की पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए सभी पुलिस थानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के निर्देशों में कहा गया कि सभी पुलिस थाने सीएए/एनआरसी विरोधी आंदोलन और 2020 के दिल्ली दंगों में शामिल उपद्रवियों पर कड़ी नजर रखें. अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की एडवाइजरी में थानों को हाल के घटनाक्रमों (अयोध्या राम मंदिर में अभिषेक, ज्ञानवापी तहखाने में प्रार्थना के आदेश और महरौली में विभिन्न धार्मिक संरचनाओं के टूटने आदि) के मद्देनजर सांप्रदायिक घटनाओं से बचने के लिए निवारक कदम उठाने की सलाह दी गई. स्पेशल यूनिट के निर्देश में कहा गया कि कुछ तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं.
पुराने अपराधियों का रिकॉर्ड तैयार करने का आदेश
दिल्ली पुलिस की इस स्पेशल यूनिट की एडवाइजरी में कहा गया कि पुलिस अधिकारियों को ऐसे लोगों की सूची बनानी चाहिए जो पहले से सांप्रदायिक माहौल को बिगड़ने में शामिल रहे हैं. नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार नजर रख रहे हैं. यह भी बताया गया कि सीएए/एनआरसी से जुड़े प्रदर्शनों, शाहीन बाग पर हुए धरना और किसानों के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वालों की लिस्ट तैयार की रही है. लिस्ट में पहले से ज्ञात समूहों के सदस्यों का भी उल्लेख करने को कहा गया है. अगर कुछ पुलिस जिलों या इकाइयों के पास पहले से ही ऐसे लोगों की सूची है तो उन्हें उसे अपडेट करने के निर्देश मिले हैं.
दिल्ली दंगे में शामिल रहे लोगों पर खास नजर
अधिकारी के अनुसार, उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस के पास लगभग 100 उपद्रवियों की सूची है जो अक्सर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दों या विरोध प्रदर्शनों में शामिल होते हैं. उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस के अधिकारियों को सूची को अपडेट करने और फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों से कुछ दिन पहले जाफराबाद, सीलमपुर और यमुना विहार क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों को इसमें शामिल करने को कहा गया है.
ड्रोन के जरिए भी निगरानी
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि एक बार फिर माहौल बिगाड़ने और सांप्रदायिक हिंसा को ट्रिगर करने के लिए कुछ शरारती तत्व गलत इरादों से धार्मिक स्थलों में जबरन घुसने की कोशिश कर सकते हैं. जुमे के दिन (शुक्रवार को) विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. संवेदनशील मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के दौरान पर्याप्त संख्या में कर्मियों की तैनाती करने को कहा गया है. जवानों की तैनाती के अलावा पुलिस पिकेट और बैरिकेड्स लगाए जाएंगे. मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. विरोध प्रदर्शन की हर घटना का वीडियो पुलिस बनाएगी जो रिकॉर्ड में रहेगा.