Snooping Case: जासूसी मामले में दिल्ली डिप्टी CM सिसोदिया की बढ़ी मुश्किलें! चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा, केंद्र ने दी CBI को अनुमति
Manish Sisodia Snooping Case: सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि मनीष सिसोदिया ने फीडबैक यूनिट का इस्तेमाल राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में किया.
Feedback Unit Case: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'फीडबैक यूनिट' कथित जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. 8 फरवरी को सीबीआई (CBI) ने गृह मंत्रालय से मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी.
बीजेपी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के फैसले का स्वागत किया है. बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा है कि बीजेपी ने ये मुद्दा कई बार उठाया है. उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने एक यूनिट बनाई, कैमरा खरीदे गए और तमाम अफसरों को इसके अंदर नियुक्त किया गया था. गैर-कानूनी तरीके से इन्होंने कई मीडिया संस्थानों के अफसरों की भी जासूसी करवाई है."
क्या बोले सिसोदिया?
वहीं, इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी प्रतिक्रिया दी है. मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे केस करना एक कमजोर और कायर इंसान की निशानी है. उन्होंने लिखा, "जैसे जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी, हम पर और भी बहुत केस किए जाएंगे."
आखिर क्या है फीडबैक यूनिट केस?
दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ महीनों के भीतर आम आदमी पार्टी की सरकार ने कथित तौर पर सतर्कता विभाग को मजबूत करने के लिए एक "फीडबैक यूनिट" (FBU) बनाई थी. इसके खिलाफ सीबीआई को एक शिकायत दी गई और शुरुआती जांच में सीबीआई ने पाया कि एफबीयू ने राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की थी.
CBI ने सतर्कता विभाग को भेजी रिपोर्ट
सीबीआई ने 12 जनवरी, 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए एलजी की मंजूरी मांगी गई. इसके बाद, सीबीआई के अनुरोध को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया.
सीबीआई ने जांच में क्या पाया?
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि फीडबैक यूनिट द्वारा तैयार की गई 60% रिपोर्ट्स सतर्कता विभाग से संबंधित मामलों से संबंधित थीं, जबकि 40% "राजनीतिक खुफिया जानकारी" के बारे में थीं. एजेंसी ने दावा किया कि इकाई (FBU) दिल्ली सरकार के हित में नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी और सिसोदिया के निजी हित में काम कर रही है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यह भी दावा किया कि यूनिट की रिपोर्ट के आधार पर किसी लोक सेवक या विभाग के खिलाफ कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की गई.
BJP ने किया विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि दो हफ्ते इस मामले को लेकर बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. उस समय बीजेपी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था, "यह असंवैधानिक है, जिस तरह से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने संसद, विधायकों, सांसदों, अधिकारियों और दिल्लीवासियों पर नजर रखने के लिए एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया. दिल्ली के एलजी ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है और अब केजरीवाल की पूरी कैबिनेट सत्येंद्र जैन की तरह ही तिहाड़ जेल में होगी."