Festival Special Trains: त्योहारी मौसम में यात्रियों को आरामदायक सफर प्रदान हो और उनकी भारी तादाद को ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे ने 2,950 विशेष रेलगाड़ियों के साथ एक दृढ़ कार्य योजना लागू की है. इस बात की जानकारी उत्तर रेलवे की ओर से सोमवार को दी गई.
उत्तर रेलवे ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल उनकी ओर से एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच फेस्टिवल स्पेशल रेलगाड़ियों में करीब 172 प्रतिशत का इजाफा किया गया है. इस बारे में बात करते हुए उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि 2,950 रेलगाड़ियों में से लगभग 83 प्रतिशत फेस्टिवल स्पेशल रेलगाड़ियां उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम जैसे पूर्व की ओर जाने वाले राज्यों के यात्रियों के लिए होंगी.
सुरक्षा को लेकर भी उठाए गए कदम
उपाध्याय ने बताया कि बरौनी, समस्तीपुर, सहरसा, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, जयनगर, दरभंगा, जोगबनी, पटना, कोलकाता, गुवाहाटी, हावड़ा, मुजफ्फरपुर, कटिहार, टाटानगर और लखनऊ जैसे शहर राष्ट्रीय राजधानी से चलने वाली इन विशेष रेलगाड़ियों के कुछ लोकप्रिय गंतव्य हैं. अधिकारी ने यात्री सुरक्षा और सुविधाएं बढ़ाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया किया, जैसे कि आरक्षित डिब्बों में अनाधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए कड़े कदम, ज्वलनशील पदार्थों को ले जाने पर रोक के साथ ट्रेनों और स्टेशन परिसर में धूम्रपान और कूड़ा-कचरा फैलाने पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना.
पिछले साल चलाई गई थी 1,082 विशेष रेलगाड़ियों
उत्तर रेलवे ने एक बयान में कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तर रेलवे अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ मिलकर एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक त्योहारी सीजन के दौरान 2,950 से अधिक फेस्टिवल स्पेशल रेलगाड़ियों का परिचालन कर रहा है. बयान में कहा गया कि पिछले वर्ष इसी अवधि में उत्तर रेलवे की ओर से कुल 1,082 विशेष रेलगाड़ियों की व्यवस्था की गई थी. इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में ऐसी रेलगाड़ियों में लगभग 172 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
आरपीएफ कर्मियों की तैनाती भी बढ़ाई गई
उपाध्याय का कहना है कि उत्तर रेलवे भीड़ से निपटने के लिए समयानुकूल आधार पर अनारक्षित विशेष रेलगाड़ियां भी चलायेगा. उनके अनुसार, त्योहारी भीड़ के बीच उत्तर रेलवे की ओर से उठाए गए अन्य कदमों में फुटओवर ब्रिज, प्रवेश और निकास द्वार, प्लेटफार्म, बुकिंग कार्यालय और अन्य क्षेत्रों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टिकट जांच कर्मचारियों और आरपीएफ कर्मियों की तैनाती बढ़ाना शामिल है.