नई दिल्लीः दिल्ली समेत पूरे देश में लाभार्थियों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़ दिया जाना शुरू हो चुका है लेकिन ज़्यादातर जगहों पर वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ अब फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगाई जा रही है. दिल्ली में वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगवाने वालो की संख्या खासतौर पर काफी कम है. बीते कुछ दिनों में देश के कुछ राज्यों मे कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़े हैं ऐसे में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता की वजह बन सकती है.


13 फरवरी से दिल्ली में वैक्सीन की दूसरी डोज़ हेल्थकेयर वर्कर्स को दी जानी शुरू की गई थी. 28 दिन पहले यानी 16 जनवरी को वैक्सीन की पहली डोज़ लगाने वाले 4,319 हेल्थकेयर वर्कर्स की संख्या की तुलना में 13 फरवरी को वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स की संख्या महज़ 1,856 थी.


दिल्ली में 15 फरवरी से अभी तक के वैक्सीनेशन के आंकड़े कुछ इस तरह है-


15 फरवरी
कुल टीके लगे- 14,965


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 12,774
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 2191


16 फरवरी
कुल टीके लगे- 15053


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 12,521
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 2532


17 फरवरी
कुल टीके लगे- 15,337


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 14,265
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 1072


18 फरवरी
कुल टीके लगे- 24,417


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 20,880
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 3537


19 फरवरी
कुल टीके लगे- 24,321


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 22,531
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 1790


20 फरवरी
कुल टीके लगे- 26,110


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 21,759
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 4351


22 फरवरी
कुल टीके लगे- 27,219


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 21,760
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 5,459


23 फरवरी
कुल टीके लगे- 20,466


पहली डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स- 18,492
दूसरी डोज़ लगवाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स- 1,974


कम वैक्सीनेशन के पीछे की वजह बताते हुए दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरुण गुप्ता ने कहा, "जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगनी थी उनका टर्नआउट अपेक्षा से कम है. मेरा मानना है कि अब लोगों में किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिये वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट को लेकर. लेकिन हो सकता है कि दिल्ली में और कुछ राज्यों में कोरोना के केस कम होने पर लोगों में थोड़ी लापरवाही आ जाती है, लेकिन लोगों को रिलैक्स बिल्कुल नहीं होना चाहिये."


वैक्सीन की दूसरी डोज जरूरी


वैक्सीन की दूसरी डोज़ को ज़रूरी बताते डॉ अरुण गुप्ता ने कहा, "कुछ लोगों में दूसरी डोज़ को लेकर उत्साह नहीं है लेकिन सेकंड डोज़ नहीं लगाई तो इम्युनिटी पूरी तरह से डेवलप नहीं होगी. पिछले कुछ समय से देश में कोरोना के केस कम हो गए थे पर बीते हफ्तों में देखा गया कि दोबारा केस बढ़ने लग गए हैं. देश के कुछ हिस्सों में खासकर महाराष्ट्र केरल पंजाब की बात करें तो केस बढ़ने लग गए हैं. यह बहुत चिंता का विषय. इसके मद्देनजर हम सबको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि कोरोना की एक नई वेव खड़ी हो जाए. अब देश में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाने का वक्त आ गया है. जब तक दूसरी डोज़ वैक्सीन की नहीं लग जाती तब तक आपके शरीर में इम्युनिटी नहीं आएगी. वैक्सीन ही एक तरीका है जिससे इस महामारी से बचाव कर सकते हैं. अगर एक वेव और आ गई तो संभालना बहुत मुश्किल होगा."


विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन के बिना कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक पाना मुमकिन नहीं है. वैक्सीन को लेकर डर अभी भी कम वैक्सीनेशन की एक वजह हो सकती है. लेकिन जानकारों का कहना है कि कम होते मामलों के चलते लोगों ने वैक्सीन के प्रति ढीला रवैया भी अपना लिया है जो की ठीक नहीं है. वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को देखते हुए समय पर वैक्सीनेशन अभियान का लक्ष्य भी पूरा कर पाना चुनौतीपूर्ण होगा.


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