नई दिल्ली: दिल्ली के पीरागढ़ी इलाके में गुरुवार सुबह बैटरी बनाने की एक फैक्ट्री में भयंकर आग लग गई. सुबह करीब 4:30 बजे फैक्ट्री में आग लगने की कॉल मिलते ही फायर बिग्रेड की एक दर्जन गाड़ियां मौके पर भेजी गई. करीब 4 घंटे की आग के बाद जब फायरमैन आग को बुझाने की कोशिश में लगे थे तभी एक के बाद एक तीन धमाके हुए और बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई, इस वजह से अंदर फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और और तीन सिविलियन फंस गए.
फैक्ट्री में ओकाया कंपनी की बैटरी बनती है. धमाका इतना तेज़ था कि कुछ फायर कर्मचारियों को निकलने का मौका ही नहीं लगा. मलबे में चार लोग बुरी तरह फंस गए जिनमे तीन फायर मैन और एक फैक्ट्री का ही सिक्योरिटी गार्ड शामिल थे. तुरंत एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया. थोड़ी मशक्कत के बाद 2 फायरमैन और एक सिविलियन को मलबे से बाहर निकाला गया, लेकिन एक फायरमैन अमित बाल्याण मेलबे में फंसा रह गया.
आग लगने की वजह से फैक्ट्री धू-धू कर जल रही थी आसमान में चारो ओर धुआं उठ रहा था. धमाके के वजह से गिरी बिल्डिंग के मलबे में फायरमैन अमित बालियान फंसा हुआ था. एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी धीरे-धीरे कर कर मलबे को हटाने में जुट गए थे. शुरुआती राहत की बात यह थी कि फायरमैन अमित बालियान से अधिकारियों का संपर्क हुआ था और उसकी लोकेशन पता चल गई थी करीब चार घंटे तक कोशिश के बाद जब टीम फायरमैन अमित बालियान तक पहुंची तब तक देर हो चुकी थी.
हर बार की तरह घटनास्थल पर नेता पहुंचे और फिर राजनीति शुरू हो गई मनोज तिवारी ने इस हादसे का दोष दिल्ली सरकार पर मढ़ दिया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस पूरी घटना में कुल 18 लोगों को चोटें आईं. जिनमें तीन सिविलियन और 15 फायर के कर्मचारी थे. जिनमें से एक अमित बालियान की अस्पताल में मौत हो गई.
अमित बालियान की उम्र महज 27 साल थी और सितंबर 2019 के महीने में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसने फायर डिपार्टमेंट को ज्वाइन किया था. महज 11 महीने पहले ही अमित बालियान की फरवरी 2019 मे शादी हुई थी, लेकिन सरकार प्रशासन और कंपनी की लापरवाही ने एक नौजवान बहादुर फायरमैन की जान ले ली. जरूरत है जवाबदेही तय करने की जिससे आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.