नई दिल्ली: पीएसी की बैठक के बाद आज आम आदमी पार्टी ने कपिल मिश्रा को सस्पेंड कर दिया. कपिल मिश्रा ने आज अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि मेरी आंखों के सामने सत्येंद्र जैन ने केजरीवाल को दो करोड़ रुपये दिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि केजरीवाल के साढ़ू के लिए सत्येंद्र जैन ने 50 करोड़ रुपये की जमीन का सौदा करवाया.
पिछले दो हफ्ते में दो विधायक सस्पेंड
विधानसभा चुनाव 2015 में 70 में 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी अब तक पांच विधायकों को निलंबित कर चुकी है. दिलचस्प बात ये है कि इन पांच में से 3 केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
कपिल मिश्रा से पहले अमानतुल्लाह खान, संदीप कुमार, देवेंद्र सहरावत और आसिम अहमद खान को निलंबित किया जा चुका है. पिछले 2 हफ्ते में 2 विधायक पार्टी से सस्पेंड हो चुके हैं.
कपिल मिश्रा: जल मंत्री रह चुके कपिल मिश्रा को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के कारण निकाला गया. मिश्रा ने मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद से केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.
अमानतुल्लाह खान: कुमार विश्वास को बीजेपी का एजेंट बता कर अमानतुल्लाह फंस गए और दबाव बनने पर उनपर उसी PAC ने कार्रवाई की जिसकी एक मीटिंग पहले तक वो खुद सदस्य थे.
संदीप कुमार: महिला एवं बाल विकास मंत्री संदीप कुमार सेक्स CD कांड में फंस कर मंत्रिपद और पार्टी की सदस्यता दोनों से हाथ धो बैठे. इस मामले में संदीप को जेल तक जाना पड़ा, फिलहाल वो बेल पर हैं.
आसिम अहमद खान: आसिम अहमद खान केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री थे. उनके खिलाफ एक ऑडियो स्टिंग CM केजरीवाल तक पहुंचा जिसमें आसिम कथित तौर पर बिल्डर से पैसे मांगते पाए गए. केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर आसिम की छुट्टी कर दी बाद में आसिम को पार्टी से भी सस्पेंड कर दिया गया.
देवेंदर सहरावत: देवेंदर सहरावत को तब सस्पेंड किया गया जब उन्होंने पंजाब चुनाव के दौरान पार्टी नेताओं पर टिकट के लिए पैसे लेने और महिलाओं का शोषण करने के आरोप लगाए.
इन पांच विधायकों के अलावा एक विधायक पंकज पुष्कर योगेंद्र यादव के साथ हैं. हालांकि पुष्कर को सस्पेंड नहीं किया गया है. आप से विधायक रहे जरनैल सिंह और वेद प्रकाश इस्तीफा दे चुके हैं.
जरनैल की सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी जीत चुकी है और उसके विधायकों की संख्या 4 हो चुकी है. वेद प्रकाश की सीट बवाना फिलहाल खाली है. फिलहाल 69 सीटों की विधानसभा में आप के पास तकनीकी तौर पर 65 विधायक हैं.
इनमें से 5 निलंबित हो चुके हैं और लगभग आधा दर्जन दूसरे विधायक भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. हैरानी वाली बात ये भी है कि फर्जी डिग्री के केस में फंसे पूर्व मंत्री जितेंद्र तोमर पर पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
पार्टी निलंबन से आखिर होता क्या है ?
यहां ये जान लेना जरूरी है कि सस्पेंड यानी निलंबन का मतलब पार्टी से निकालना नहीं होता. निलंबित विधायक पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं हो सकता लेकिन विधानसभा में वो पार्टी के खिलाफ वोट नहीं कर सकता. निलंबित विधायक के किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने पर उसकी सदस्यता भी जा सकती है.