271 करोड़ की लागत से बनेगा प्रधानमंत्रियों का तीन मंजिला संग्रहालय, कांग्रेस ने जताया विरोध
कांग्रेस इसका विरोध कर रही थी और उसके विरोध की वजह यह थी कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का ये आवास था और कांग्रेस नहीं चाहती थी कि इस मेमोरियल में से छेड़छाड़ हो.
नई दिल्ली: दिल्ली के तीन मूर्ति में भारत के प्रधानमंत्रियों के म्यूजियम के लिए भूमि पूजन आज हो गया है. कांग्रेस लगातार इसका विरोध कर रही है और वह नहीं चाहती कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के इस आवास से छेड़छाड़ हो.
सरकार का कहना है कि कांग्रेस की जो आपत्ति थी वो दूर की जा चुकी है जबकि कांग्रेस कह रही है कि मोदी सरकार नेहरू को देश की विरासत से खत्म करने पर तुली है. कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह का कहना है कि अफसोस की बात है कि सरकार ने साढ़े चार साल में जो वादे किए थे वो भूल गए, लेकिन नेहरू जी के विरासत, बलिदान को समाप्त करने की कोशिश में ये सरकार साढ़े 4 साल से लगी है, जो फ्रीडम स्ट्रगल के अगुवा रहे है, जेल में रहे, आधुनिक भारत के अगुवा रहे हो उनके विरासत को खत्म करने की कोशिश ये सरकार कर रही है लेकिन इसमें सफलता नही मिलने वाली है. सरकार का कहना है कि इस संग्रहालय में पूर्व प्रधानमंत्रियों के केवल चश्मे या कपड़े नहीं रखे जाएंगे बल्कि हाई टेक संग्रहालय से लोग संदेश लेकर जायेगे. इस संग्रहालय में ऐसी व्यवस्था भी की गई है ताकि भविष्य में जब देश के और भी प्रधानमंत्री बनेंगे तो उनकी यादों और संदेश को भी सहेज कर रखा जा सकेगा. तीन मूर्ति में बनेगा संग्रहालयये संग्रहालय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आवास रहे तीन मूर्ति में बनेगा. कांग्रेस के विरोध पर सरकार का कहना है कि नेहरू का म्यूजियम जिस बिल्डिंग में हैं उसे नहीं छेड़ा जायेगा. केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा जिन्होंने आज इस संग्रहालय का भूमि पूजन किया उनका कहना है, "पुरानी बिल्डिंग को नही छेड़ा जाएगा बल्कि उसे सुधारा जाएगा, उसका नवीनीकरण किया जाएगा. नेहरू का म्यूजियम पुरानी बिल्डिंग में बना रहेगा."
सरकार का कहना है कि तीन मूर्ति स्टेट दो हिस्से में हैं एक हिस्से में 2 एकड़ जमीन जो नेहरू मेमोरियल को लीज़ पर दी गयी है उसमें नेहरू मेमोरियल और नेहरू लाइब्रेरी है जबकि बाकी 23 एकड़ जमीन जो भारत सरकार की है उस पर प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय बनेगा. नई बिल्डिंग 1लाख वर्गफुट में बनेगी और यह तीन मंज़िल की होंगी. इसकी लागत तकरीबन 271 करोड़ रुपये है और यहां सभी 14 प्रधानमंत्री की स्मृतियों को सहेज कर रखा जाएगा.
अभी तक देश मे सिर्फ तीन प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय हैं. इसमे जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और चौधरी चरण सिंह शामिल हैं. 2001 के बाद एक नोटिफिकेशन जारी हुआ था जिसमे कहा गया था कि लुटियंस ज़ोन में किसी भी घर को म्यूजियम में नही बदला जाएगा.