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हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी को बहुमत, मुख्यमंत्री के नाम पर जारी सियासी घमासान
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं और इस बार जनता ने सत्तारुढ़ कांग्रेस के वीरभद्र सिंह की सरकार को सिरे से नकार दिया है.
हिमचल प्रदेश विधानसभा चुनाव रिजल्ट 2017: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं और इस बार जनता ने सत्तारुढ़ कांग्रेस के वीरभद्र सिंह की सरकार को सिरे से नकार दिया है और बीजेपी को बहुमत दिया है. हालांकि पार्टी प्रदेश इकाई अध्यक्ष को अपनी विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा, जबकि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल हार गए.
वीरभद्र ने बचाई अपनी सीट
निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अर्की विधानसभा पर अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप जीत दर्ज की है. उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी शिमला (ग्रामीण) विधानसभा सीट पर आसानी से अपनी पहली जीत दर्ज की. इस सीट पर उनसे पहले उनके पिता का कब्जा था. भाजपा को हिमाचल में सत्ता की बागडोर को संभालने के लिए 35 सीटों की जरूरत थी.
कई नामी चेहरों की हुई हार
भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती को ऊना विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा. भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार धूमल सुजानपुर सीट पर अपने करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस के राजिंदर राणा से 3500 मतों से हार गए. धूमल के करीबी रविंदर रवि, गुलाब सिंह और रणधीर शर्मा भी अपनी अपनी सीटों पर हार चुके हैं.
कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सुधीर शर्मा, ठाकुर सिंह और प्रकाश चौधरी को भाजपा से हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के इंदर सिंह गांधी ने मंडी जिले के बाल्ह से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रकाश चौधरी को बड़े अंतर से हराया. इसी तरह भाजपा के रवींद्र धीमान ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक यदविंदर गोमा को जयसिंहपुर सीट से हराया।. भाजपा के किशोरी लाल ने एनी सीट से कांग्रेस के बंसीलाल को हराया. भाजपा के मौजूदा विधायक सुरेश भारद्वाज ने शिमला सीट से कांग्रेस के हरभजन भज्जी को हराया.
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अनिल शर्मा ने मंडी सीट बरकरार रखी है. शर्मा ने सरकार और सत्तारूढ़ कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपने पिता और पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम के साथ चुनाव से पहले विपक्षी भाजपा का दामन थामा था. भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों रविंदर रवि और विप्लव ठाकुर को देहरा से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह से हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के मौजूदा विधायक अनिरुद्ध सिंह ने भाजपा के विजय ज्योति सेन को हराकर जीत दर्ज की। दोनों शाही परिवारों से ताल्लुक रखते हैं.
भाकपा के राकेश सिंघा ने ठियोग से भाजपा के अपने निकट प्रतिद्वंद्वी राकेश वर्मा को हराया. हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता गणेश दत्त ने कहा, हमने आधा रास्ता पार कर लिया है, जिससे स्पष्ट है कि हम राज्य में सरकार बनाने जा रहे हैं. नौ नवंबर को हुए चुनाव में कुल 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राज्य में हुए चुनाव में कुल 37,83,580 लोगों ने मतदान किया था. इस दौरान मतदान प्रतिशत 75.28 रहा.
जीत के बाद भी हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के लिए सियासी संकट
कांग्रेस और भाजपा ने सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था. ज्यादातर एग्जिट पोल से भाजपा के सत्ता में लौटने के संकेत मिले थे. वर्ष 1985 से राज्य में निरंतर पांच साल के अंतराल पर सत्ता का फेरबदल होता है. वर्ष 2012 में अन्ना हजारे के कांग्रेस विरोधी आंदोलन के बाद यहां कांग्रेस ने 36 सीटें जीती थीं और भाजपा 26 पर सिमट गई थी और निर्दलियों ने छह सीटें अपने नाम की थी.
इनके हाथों हारे धूमल
प्रेम कुमार को कांग्रेस के राजिंदर सिंह राणा ने मात दी है. राजिंदर ने कुल 3500 वोट से प्रेम कुमार धूमल को हराया.अपनी जीत पर राजिंदर सिंह राणा ने कहा- ये जीत कांग्रेस में जनता के विश्वास को दर्शाती है. मुझे विजयी बनाने के लिए जनता का शुक्रिया. हमने सुजानपुर के लोगों की हमेशा सेवा की है और आगे भी करते रहेंगे.
कौन होगा मुख्यमंत्री?
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के हार जाने से ये सवाल अवश्य खड़ा हो गया है कि पार्टी अब किसे प्रदेश की कमान सौंपेगी. हालांकि धूमल की हार के बाद राजनीतिक गलियारों में ये शोर सुनाई दे रहा है कि जेपी नड्डा को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है. जिसका कारण नड्डा के अमित शाह और पीएम मोदी से अच्छे संबंध बताए जा रहे हैं. अब देखना होगा की पार्टी किसे चुनती है.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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