नई दिल्ली: 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने की खबरों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज फुल स्टॉप लगा दिया. वित्त मंत्री ने कहा, ''इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं होती इन पर भरोसा ना करें.'' एसबीआई की एक रिपोर्ट के हवाले से खबर थी कि आरबीआई 2000 रुपये के नोट या तो वापस ले सकता है या उसकी छपाई बंद कर सकता है.
500/2000 रुपये के इतने नोट छापे गए
लोकसभा में वित्त मंत्रालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आठ दिसंबर की स्थिति के अनुसार रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के 1695.7 करोड़ नोटों की छपाई की जबकि 2000 रुपये के 365.40 करोड़ नोट की छपाई की.
दोनों मूल्य वर्ग के नोटों का कुल मूल्य 15,787 अरब रुपये बैठता है. इसका मतलब है कि उच्च मूल्य वर्ग के बाकी बचे (15,787 अरब रुपये-13,324 अरब रुपये) 2,463 अरब रुपये के नोट रिजर्व बैंक ने छापे तो हैं लेकिन उन्हें बाजार में जारी नहीं किया.
दिलचस्प बात यह है, ‘‘इसके आधार पर यह माना जा सकता है कि 2463 अरब रुपये की मुद्रा छोटी राशि के नोटों में छापी गई हो. केन्द्रीय बैंक ने इस बीच इतनी राशि के 50 और 200 रुपये के नये नोटों की छपाई की हो.
8 दिसंबर को हुई थी नोटबंदी/चलन से बाहर हुए थे 500-1000 रुपये के नोट
सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने का फैसला किया. ये नोट तब चलन में जारी कुल मुद्रा का 86 से 87 प्रतिशत था.
इससे नकदी की कमी हुई और बैंकों में चलन से हटाये गये नोटों को बदलने या जमा करने को लेकर लंबी कतारें देखी गयी. उसके बाद रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये मूल्य के नये नोट के साथ 500 रुपये का भी नया नोट जारी किया. उसके बाद, रिजर्व बैंक ने 200 रुपये का भी नोट जारी किया.