नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज एम्स में निधन हो गया है. वह 66 साल के थे. बता दें कि शुक्रवार को ही उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी. जानकारी दें कि अरुण जेटली (66) को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स में भर्ती किया गया था. अरुण जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए अनेक ऐसे फैसले लिए जिसे देश के इतिहास में सालों तक याद किया जाएगा.


जनधन योजना- इस योजना के माध्यम से मोदी सरकार ने गांव-गांव के लोगों का बैंक अकाउंट ओपन कराया. इससे पारदर्शिता बढ़ी, लोगों को फायदा हुआ. इस योजना के माध्यम से देश में 35.39 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खोले गए. मोदी सरकार ने जनधन योजना की शुरुआत साल 2014 में की थी. इस योजना को सफल बनाने में वित्त मंत्री के रूप में जेटली ने बड़ा योगदान दिया.

जीएसटी- देश के इतिहास में कुछ बड़े फैसलों में जीएसटी को गिना जाता है. मोदी सरकार के लिए इसे लागू करना आसान नहीं था. हर तरफ से सरकार पर दबाव था. इसके बावजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में मोदी सरकार ने जीएसटी को न सिर्फ लागू किया बल्कि इसके सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

मुद्रा योजना- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक बड़ी योजना के तौर पर लॉन्च किया. इस योजना को सफल बनाने में वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली ने बड़ी भूमिका निभाई. इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2015 में हुई थी. बता दें कि इस योजना का लाभ सबसे अधिक महिलाओं को मिला है. करीब 73 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों को मिले हैं. दअरसल, इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार की तरफ आगे बढ़ाने के लिए बैंक की तरफ से सरल लोन उपलब्ध कराना है.

नोटबंदी- पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया. इसमें 1000 और 500 रुपये के बैंक नोट को सरकार ने चलन से बाहर कर दिया. नोटबंदी का उद्येश्य कालेधन पर चोट और जाली नोटों पर पाबंदी लगानी थी.




अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए देश में महंगाई पर काबू पाया गया. एनपीए भार को बैंक के ऊपर से कम करने के अरुण जेटली ने अनेक प्रयास किए हैं. उन्होंने एसबीआई के समूह बैंक को एक करने में भी उनके प्रयास को याद रखा जाएगा. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए रेल और आम बजट को एक किया.