वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का कभी कोविड-19 टैक्स या सरचार्ज लगाने का विचार नहीं रहा है. उन्होंने रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.


सीतारमण ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मीडिया में कोविड-19 टैक्स या सरचार्ज लगाने की चर्चा कैसे शुरू हुई? हमारा कभी ऐसा विचार नहीं रहा.’’ वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि जब दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाएं इस महामारी से संघर्ष कर रही थीं, हमने इससे बचाव का रास्ता ढूंढ लिया था.


टैक्सपेयर्स के पैसे को सोच-विचारकर खर्च कर रही है सरकार 


सीतारमण ने तात्कालिक खर्च के लिए ‘परिवार का कीमती सामान बेचने’ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि डिसइनवेस्टमेंट पर सरकार की स्पष्ट नीति है. पहली बार ऐसा हुआ है जबकि सरकार टैक्सपेयर्स के पैसे को सोच-विचार कर खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि आज भारत की आकांक्षाओं और विकास जरूरतों के लिए भारतीय स्टेट बैंक के आकार के 20 संस्थानों की जरूरत है.


 इकॉनमी में आ रहा सुधार-सीतारमण 


उन्होंने कहा कि आईडीबीआई के अनुभव से विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) का विचार आया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा संचालित सिर्फ एक डीएफआई होगा और इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका होगी. सीतारमण ने इकॉनमी में आ रहे सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले तीन माह के दौरान जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है.


केंद्रीय बजट में कोरोना वैक्सीन को लेकर हुआ बड़ा एलान


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा एलान किया. उन्होंने कहा कि कोरोना का असर दुनियाभर पर पड़ा है और भारत ने इस महामारी से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए इस बजट में 35,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए बजट 94 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये का किया है और इसके जरिए देश के सभी लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी.


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