नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से राजस्व में हुये नुकसान की भरपाई के लिये हम टैक्स दरें बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे हैं.


सीतारमण ‘साल 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और संबंधित विनियोग विधेयक' पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं.


साल 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और संबंधित विनियोग विधेयक के तहत 2,35,852 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के लिए संसद से मंजूरी मांगी गई. सदन ने इसे मंजूरी दे दी. निचने सदन ने साल 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान की मांगों को भी मंजूरी दी.


अनुदान की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह संभवत: अनुदान की मांगों के तहत मांगी गई सबसे बड़ी राशि है जिसमें 2.35 लाख करोड़ रूपये की मंजूरी मांगी गई है.


इस दौरान निर्मला सीतारमण ने Act Of God वाले पुराने बयान का जिक्र किया. सीतारमण ने जीडीपी में आई भारी गिरावट को लेकर भी संभवत: पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी.


निर्मला सीतारण ने साथ ही कहा कि राज्यों को पैसा दिया जा रहा है. बता दें कि विपक्षी पार्टियां जीएसटी बकाया देने की मांग लगातार उठा रही है. वित्त मंत्री ने मनरेगा फंड को लेकर विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कांग्रेस को उनके कार्यकाल की याद दिलाई.


कांग्रेस पर पलटवार
निर्मला सीतारमण ने मनरेगा को लेकर कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया. मनरेगा को लेकर विपक्षी दलों के तंज पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अनुदान की मांगों के तहत इस बार मनरेगा के लिये अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रूपये रखा गया है. इसके अलावा इस बार के बजट में 61 हजार करोड़ रूपये आवंटित किया गया है. इस प्रकार से मनरेगा के लिये इस बार कुल राशि एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की हो जाती है.


कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि UPA सरकार के दौरान जो नहीं थे, जिनका खाता नहीं था, उनके पास मनरेगा का पैसा पहुंचता था. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद मनरेगा का आवंटन लगातार बढ़ता गया और इसे प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचाया गया है.


राज्यों को मिला पैसा
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के कर संग्रह में 29.1 प्रतिशत की गिरावट आई है लेकिन राज्यों को निर्वाध रूप से पैसा जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच राज्यों को कर संग्रह का 49 प्रतिशत पैसा दिया गया है. केन्द्र द्वारा वसूले गये कर में राज्यों को उनका वाजिब हिस्सा नहीं दिया गया, इस तरह की बातों में कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा है केन्द्र अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है.


Act Of God
निर्मला सीतारमण कोरोना वायरस महामारी को ‘दैवीय घटना’ (एक्ट ऑफ गॉड) कहने संबंधी अपनी टिप्पणी को लेकर की गई आलोचनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि व्यंग्य किये गए जबकि सब जानते हैं कि कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए कोई इलाज और कोई टीका अभी तक विकसित नहीं हुआ है.


GDP
जीडीपी में गिरावट संबंधी आलोचना पर सीतारमण ने कहा कि पूरी दुनिया में ऐसे हालात हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को अफवाह फैलाने से बचना चाहिए, हम कोविड के हालात में भी राज्यों का पैसा नहीं रोक रहे हैं.


इससे पहले निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि हम किसी राज्य का अधिकार नहीं छीन रहे हैं और जीएसटी से जुड़ा राज्यों के हिस्से का पैसा केंद्र सरकार निश्चित तौर पर देगी .


वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के दस्तावेज में कहा गया है कि, ‘‘ संसद से 2,35,852.87 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए अनुमोदन मांगा जाता है. ’’


इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) कार्यक्रम के तहत 40 हजार करोड़ रूपये के अधिक व्यय की मंजूरी मांगी गई है.


साल 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच संबंधी दस्तावेज के अनुसार, इसमें निवल नकद व्यय 1,66,989.91 करोड़ रूपये का है और विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 68,868.33 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जायेगा.’’


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