हरियाणा सरकार के 75 फीसदी आरक्षण वाले फैसले पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जताई हैरानी, कही ये बात
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से इस बारे में बता करेंगी और पता करेंगी.
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार द्वारा निजी कंपनियों में नौकरी में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण के फैसले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हैरानी जताई. वित्तमंत्री ने कहा कि ये फैसला उनकी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से इस मुद्दे पर बात करेंगी.
निर्मला सीतारमण ने हैरानी जताते हुए कहा, “यह मेरी समझ से परे है कि हरियाणा सरकार ने ऐसा निर्णय क्यों लिया. मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है, राज्य सरकार से बात करूंगी और पता करूंगी.”
बता दें कि हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य निजी क्षेत्र में राज्य के लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक को मंजूरी दे चुके हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी. हरियाणा विधानसभा ने पिछले साल यह विधेयक पारित किया था, जो सत्तारूढ़ गठबंधन साझेदार जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का एक मुख्य चुनावी वादा था.
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘हरियाणा के राज्यपाल ने निजी क्षेत्र में नौकरी चाहने वाले राज्य के लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार जल्द ही इसे अधिसूचित करेगी.’’ हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार विधेयक,2020 निजी क्षेत्र की उन नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए कोटा का प्रावधान करता है, जिनमें मासिक वेतन 50,000 रुपये से कम हो. विधेयक के मुताबिक यह कोटा शुरूआत में 10 साल तक लागू रहेगा.
विधेयक के दायरे में राज्य में निजी कंपनियां, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म आते हैं. विधेयक योग्य लोगों के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में योग्य स्थानीय उम्मीदवारों के प्रशिक्षण का प्रावधान करता है. इस कोटे के तहत नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति का जन्म स्थान हरियाणा होना चाहिए या वह कम से कम 15 साल राज्य में रहा हो.
राज्य सरकार का फैसला नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा- फिक्की
उधर भारतीय वाणिज्य उद्योग महासंघ (फिक्की) ने गुरुवार को कहा कि हरियाणा सरकार का निजी क्षेत्र के उद्योगों में स्थानीय उम्मीदवारों को आरक्षण दिये जाने का कानून राज्य में औद्योगिकी विकास को नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा. फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के उद्योगों की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी तक आरक्षण दिए जाने का कानून राज्य के औद्योगिक विकास के लिये नुकसानदेह साबित होगा.
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