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पति ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार को आड़े हाथ लिया तो वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया ये जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने अपने लेख में साल 1991 में बिगड़ी अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का भी जिक्र किया है. बता दें कि तब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकाला प्रभाकर ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में लेख में मोदी सरकार को पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के अपनाए आर्थिक मॉडल को ‘गले लगाने’ की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास अपनी कोई आर्थिक नीति नहीं है. इस पर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब आया है. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि मोदी सरकार जितने आर्थिक सुधार भारत में अब तक किसी सरकार ने नहीं किए हैं.
निर्मला सीतारमण ने कहा, ''मोदी सरकार ने जितना आर्थिक सुधार किया उतना किसी भी सरकार ने नहीं किया. इसलिए ये कहना कि मनमोहन सरकार से आर्थिक सुधारों के बारे में सीखना चाहिए, सही नहीं है.'' उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच बड़े और मूलभूत सुधार हुए हैं. कांग्रेस के जमाने में जीएसटी लागू नहीं हो पाया.
आर्थिक मंदी: वित्त मंत्री सीतारमण के पति बोले- राव-मनमोहन की नीतियों को गले लगाए मोदी सरकार
वित्त मंत्री ने उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे करीब आठ करोड़ महिलाओं को फायदा मिला. बजट के बाद सरकार ने टैक्स सुधार को लेकर बड़े कदम उठाए. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कई और भी महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए. इसलिए इनकी सराहना भी करनी चाहिए.
परकाला प्रभाकर ने क्या लिखा था? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकाला प्रभाकर ने लिखा कि बीजेपी के पास अपनी कोई आर्थिक नीति नहीं है. उन्होंने लिखा, ''बीजेपी अपनी स्थापना के बाद से खुद कोई आर्थिक ढांचे का प्रस्ताव नहीं ला पाई. वह सिर्फ नेहरूवादी आर्थिक ढांचे की आलोचना करती रही है.'' उन्होंने कहा, ''बीजेपी ने हमेशा ‘यह नहीं-यह नहीं’ की नीति को अपनाया. जबकि उसकी अपनी नीति क्या थी, उसके बारे में कभी कुछ नहीं कहा.''
अभिजीत बनर्जी के बहाने राहुल गांधी का सरकार पर निशाना, कहा- गरीबी को बढ़ा रही है 'मोदीनॉमिक्स'प्रभाकर ने आगे कहा, ''बीजेपी का वर्तमान नेतृत्व शायद इससे अवगत है. तभी चुनावों के दौरान पार्टी ने इस बात का ध्यान रखा कि वह अर्थव्यव्सथा को लेकर जनता के सामने कुछ भी पेश न करे. इसके स्थान पर पार्टी ने बुद्धिमानी से, एक राजनीतिक, राष्ट्रवादी और देश की सुरक्षा का मंच चुना.''
प्रभाकर ने कहा कि बीजेपी ने नरसिम्हा राव सरकार की नीतियों को न तो खारिज किया और न ही उसे चुनौती दी. उन्होंने कहा, ''अगर सरकार उनकी नीतियों को अपना ले तो अभी भी पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है.''
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