मुंबईः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले साल फरवरी में आने वाला बजट अगले पांच साल में होने वाली मजबूत आर्थिक वृद्धि की नींव डालेगा. रॉयटर्स के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यस्था 2021-22 में ग्रोथ की पटरी पर आ जाएगी और तेजी से आगे बढ़ेगी.


दुनिया में अमेरिका के बाद भारत में कोविड -19 के सबसे अधिक मामले हैं. कोविड-19 में 1.3 बिलियन लोगों को लॉकडाउन का सामना भी करना पड़ा था. इससे देश की अर्थव्यवस्था 2020-21 वित्तीय वर्ष में लगभग 10 फीसदी की गिरावट की उम्मीद है. पहली तिमाही में 24 फीसदी की गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी. यह आरबीआई के 8.6 फीसदी गिरावट के अनुमान से बेहतर रही थी. लेकिन अब रिकवरी जोर पकड़ रही है.


अच्छी वृद्धि दर हासिल करने के लिए 2021-22 महत्वपूर्ण


सीतारमण ने रायटर्स ग्लोबल इनवेस्टमेंट आउटलुक समिट 2021 में कहा, ''मुझे लगता है कि एक अच्छी वृद्धि दर हासिल करने के लिए 2021-22 बहुत महत्वपूर्ण होगा. यह अगले चार-पांच साल के लिए लॉन्चिंग पैड होने वाला है. बशर्ते हम बजट और बुनियादी ढांचे पर खर्च करें ''


अमेरिका, जापान और ब्रिटेन की तरह भारत ने राहत कार्य के लिए अरबों डॉलर खर्च नहीं किए. इसकी जगह भारत ने सीमित संसाधनों के बावजूद ऐसे कदम उठाए जिससे बजट पर बोझ ना पड़े और बजट घाटा न बढ़े.सरकार ने 2021-22 के आगामी बजट से पहले 29,87, 641 करोड़ रुपये के आत्मानिभर पैकेज की तीन हिस्सों को घोषणा की थी जो कि जीडीपी का 15 फीसदी है.


खर्च बढ़ा सकती है सरकार


वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि सरकार ग्रोथ रेट को बढ़ाने के लिए आने वाले महीनों में खर्च बढ़ा सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि अब खर्च नहीं होता है तो पैकेज व्यर्थ होगा और रिवाइवल स्थगित हो जाएगा. सीतारमण के अनुसार सरकार का जोर सार्वजनिक खर्च के जरिये आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर है.


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