Finance Minister Nirmala Sitharaman: पिछले दिनों देश के कुछ राज्यों से पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की किल्लत की खबरें और पेट्रोल पंपों के बंद होने की तस्वीरें सामने आई थीं. तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों से इस तरह की तस्वीरें सामने आई थीं. अब मोदी सरकार ने इस किल्लत को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार ने कच्चे तेल के निर्यात पर निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि फैसले के मुताबिक डीजल के निर्यात पर 13 फीसदी, पेट्रोल के निर्यात पर 6 फीसदी और एयर टरबाइन फ्यूल के निर्यात पर 6 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया जाएगा. इस फैसले से देश से निर्यात हो रहे कच्चे तेल पर काबू पाया जा सकेगा जिससे पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति बढ़ सकेगी.
सरकार ने लिया ये फैसला
निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में कच्चे तेल की कुल खपत का करीब 20 फीसदी उत्पादन देश में ही होता है जबकि 80 फीसदी आयात पर निर्भर होता है. सरकार को ये फैसला इसलिए करना पड़ा क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमत के चलते हो रहे जबरदस्त मुनाफे को देखते हुए तेल कंपनियां तेल का निर्यात कर रही थीं. इस निर्यात के चलते अलग-अलग इलाकों में तेल की किल्लत हो रही थी. हम मुनाफे के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आज साधारण समय नहीं है.
सोने पर भी आयात शुल्क बढ़ाया
सरकार ने तेल कंपनियों के अनाप शनाप मुनाफे (Windfall Gain) पर अंकुश लगाने के लिए 23,250 रुपये प्रति टन टैक्स लगाने का भी फैसला किया है. वहीं सोने के आयात पर अंकुश लगाने के लिए आयात शुल्क (Gold Import Duty) को 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का भी फैसला किया गया है. पिछले दो महीने में सोने के आयात में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जिससे देश के चालू खाते में घाटा बढ़ रहा था. माना जा रहा है कि रुपये की गिर रही कीमत पर लगाम लगाने में भी सरकार का ये कदम कारगर साबित होगा.
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