वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- अर्थव्यवस्था में तेजी लाना अगले बजट का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले साल फरवरी में आने वाला बजट अगले पांच साल में होने वाली मजबूत आर्थिक वृद्धि की नीव डालेगा. वित्त मंत्री ने कहा, ''मुझे लगता है कि एक अच्छी वृद्धि दर हासिल करने के लिए 2021-22 बहुत महत्वपूर्ण होगा. यह अगले चार-पांच साल के लिए लॉन्चिंग पैड होने वाला है.''
नई दिल्ली: कोरोना महमारी ने देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है, यह बात किसी से छिपी नहीं है. देश धीरे धीरे आर्थिक सुधार के रास्ते पर अब आगे बढ़ रहा है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश की अर्थव्यस्था 2021-22 में तेजी से आगे बढ़ेगी.
रॉयटर्स के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि अगले साल फरवरी में आने वाला बजट अगले पांच साल में होने वाली मजबूत आर्थिक वृद्धि की नीव डालेगा. वित्त मंत्री ने कहा, ''मुझे लगता है कि एक अच्छी वृद्धि दर हासिल करने के लिए 2021-22 बहुत महत्वपूर्ण होगा. यह अगले चार-पांच साल के लिए लॉन्चिंग पैड होने वाला है.''
उन्होंने कहा कि अमेरिका, जापान और ब्रिटेन की तरह भारत ने राहत कार्य के लिए अरबों डॉलर खर्च नहीं किए. इसकी जगह भारत ने सीमित संसाधनों के बावजूद ऐसे कदम उठाए जिससे बजट पर बोझ ना पड़े.
वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि सरकार ग्रोथ रेट को बढ़ाने के लिए आने वाले महीनों में खर्च बढ़ा सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से वृद्धि दर में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार का जोर सार्वजनिक खर्च के जरिये आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर है.
एक साथ हो सकते हैं संसद के शीतकालीन और बजट सत्र कोरोना के मामलों के मद्देनजर सरकार बजट सत्र के साथ-साथ संसद के शीतकालीन सत्र को एक साथ बुलाने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. लेकिन सुझाव दिए गए हैं कि दो सत्रों की अवधि में एकल एकीकृत सत्र आयोजित किया जा सकता है.
संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह के दौरान शुरू होता है. जबकि बजट सत्र जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होता है और केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाता है.