आर्थिक राहत पैकेज: प्रवासी मज़दूरों को दो महीनों तक बिना कार्ड मुफ्त मिलेगा राशन, 8 करोड़ लोगों को होगा फायदा
वित्त मंत्री ने बताया कि लगभग 8 करोड़ प्रवासी मज़दूरों को इससे लाभ मिलेंगा. इस पर 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने दूसरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में गरीबों, छोटे किसानों और प्रवासी मज़दूरों के लिए बड़े एलान किए. इस दौरान उन्होंने प्रवासी मज़दूरों के लिए मुफ्त राशन का भी एलान किया. उन्होंने बताया कि जो लोग गैर कार्ड धारक हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 5 किलो गेंहू/चावल और एक किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा. ये राशन मज़दूरों को अगले दो महीने तक दिया जाएगा.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि लगभग 8 करोड़ प्रवासी मज़दूरों को इससे लाभ मिलेंगा. इस पर 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी. अनुराग ठाकुर ने बताया कि जो लोग नेशनल फूड सेक्योरिटी एक्ट में नहीं आते या जिन्हें राज्यों का राशन कार्ड नहीं मिल पाता, वैसे ही मज़दूरों के लिए ये प्रावधान किया गया है.
वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) वित्त मंत्री की ओर से बताया गया कि राशन बांटने में तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का एलान किया. इसके तहत राशन कार्ड धारक देश के किसी हिस्से में भी कि अपने राज्य में बने राशन कार्ड से अपने हिस्से का राशन आसानी से ले सकेंगे.
मार्च 2021 तक इसमें 100 फीसदी पीडीएस पॉपुलेशन को कवर कर लिया जाएगा. फिलहाल 83 फीसदी पीडीएस पॉपुलेशन इसमें कवर हो चुकी है. अगले साल मार्च तक इस योजना को पूरा कर लिया जाएगा.
बेघरों को मुफ्त खाना इसके अलावा राज्यों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष से खर्च की इजाजत दी गई. केंद्र सरकार ने राज्यों को 11 हज़रा करोड़ रुपए SDRF को मजबूत करने के लिए दिए गए. इससे शेल्टर बनाए गए, जिसमें तीन समय का भोजन उपलब्ध कराया गया.
12 हज़ार स्वयं सहायता समूह ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सेनेटाइजर का उत्पादन किया गया. 15 मार्च के बाद से 7200 हज़ार नए स्वयं सहायता समूह बनाये गए.
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