नई दिल्लीः मामा मेहुल और भांजे नीरव का पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी के बाद अब वित्त मंत्रालय ने तमाम सरकारी बैंकों को अपनी खामियां दुरुस्त करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. दूसरी ओर पीएनबी ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि धोखाधड़ी की कुल रकम 24 करोड़ डॉलर तक बढ़ सकती है. यानी घोटाले की कुल रकम पौने तेरह हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है.


वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने ट्वीट कर साफ सुधरी बैंकिंग सेवाओं के लिए प्रतिबद्धता का फॉर्मूला सामने रखा. इसके तहत 15 दिनों के भीतर ऑपरेशन और तकनीक के मामले में नई चुनौतियों व जोखिम से निबटने के लिए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नया ब्लूप्रिंट बनाएंगे. इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के फंसे कर्ज वाले तमाम खातों यानी एनपीए खातों की जांच इस आधार पर भी करने को कहा गया है कि कहीं वहां कोई धोखाधड़ी तो नहीं हुई.


वित्त मंत्रालय का ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के उन बयानों के बाद आया है जिसमें उन्होंने सख्त कदम उठाने और पैसे की वसूली के लिए कानूनी सीमाओं में रहते हुए हर जरुरी कदम उठाने की बात कही थी. 23 फरवरी को देसी-विदेशी उद्योगपतियो के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहूंगा, कि ये सरकार आर्थिक विषयों से संबंधित अनियमितताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी. जनता के पैसे का अनियमित अर्जन, इस सिस्टम को स्वीकार नहीं होगा. यही New Economy –New Rule का मूल मंत्र है.”




पीएनबी के शेयरों की पिटाई
इस बीच, मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक के शेयरों की फिर से जोरदार पिटाई हुई. मंगलवार को शेयर 12 फीसदी से ज्यादा गिरा और 98 रुपये 35 पैसे पर बंद हुआ. घोटाले की खबर आने के पहले यानी 12 फरवरी को बीएसई पर पंजाब नेशनल बैंक के शेयर के भाव 161 रुपये 65 पैसे पर बंद हआ था. यानी महज 15 दिनों के भीतर 63 रुपये 30 पैसे की गिरावट हो चुकी है.



बैंकों पर सख्त वित्त मंत्रालयः फंसे लोन की जांच के लिए 15 दिन की डेडलाइन तय

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