विजय माल्या के दावों को जेटली ने किया खारिज, बोले- सेटलमेंट की बात नहीं हुई
विजय माल्या के दावों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि सेटलमेंट का दावा झूठा है. एक सांसद के नाते उनसे संसद में मुलाकात हुई थी.
नई दिल्ली: भारतीय बैंकों को 9000 करोड़ रूपये का चूना लगाकर भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि वो देश छोड़ने से पहले सेटलमेंट के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था. लंदन में माल्या ने कहा, ''मैं मामला निपटाने को लेकर जेटली से मिला था. मैं बैंक का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए.''
विजय माल्या के दावों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि सेटलमेंट का दावा झूठा है. जेटली ने कहा कि 2014 के बाद उन्होंने माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया लेकिन माल्या ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी.
उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, “2014 के बाद से मैंने उसे मिलने का समय नहीं दिया है और उससे उनकी मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता.” जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया. वित्त मंत्री ने लिखा है, “उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया. चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास कर्ज के समाधान की एक योजना है.”
जेटली ने कहा, “उसकी पहले की ऐसी ‘झूठी पेशकश’ के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि ‘मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए.”
वित्त मंत्री ने कहा कि माल्या के हाथ में कुछ कागज थे, जो उन्होंने नहीं लिए. जेटली ने कहा कि इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा उन्होंने कभी इस शराब कारोबारी को समय नहीं दिया.
The statement of Vijay Mallaya that he met me & offered settlement is factually false in as much as it does not reflect truth. Since 2014, I have never given him any appointment to meet me and the question of his having met me does not arise.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) September 12, 2018
वहीं विजय माल्या के दावे के बाद विपक्षी पार्टियां एक बार फिर बीजेपी की नेतृत्व वाली मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार को बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से जाने कैसे दिया गया. पार्टी ने कहा, ''मोदी सरकार को वित्त मंत्री जेटली से माल्या की मुलाकातों का ब्योरा देना होगा.''
कांग्रेस ने कहा, ''जेटली से मिलने की माल्या की टिप्पणी, हमारे इस दावे की पुष्टि करती है कि माल्या और अन्य के देश छोड़कर भागने में सरकार की पूरी मिलीभगत थी.''
माल्या का दावा, देश छोड़ने से पहले सेटलमेंट के लिए वित्त मंत्री जेटली से मिला था
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “भगौड़ो का साथ, लुटेरों का विकास बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य है. मोदी जी, छोटा मोदी #1, छोटा मोदी #2, ‘हमारे मेहुल भाई’, अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ो लुटवा, विदेश भगा दिया. विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिल, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है!''
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''नीरव मोदी ने देश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. विजय माल्या ने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात की. इन बैठकों में क्या हुआ? लोग जानना चाहते हैं.''