नई दिल्ली: आतंकवाद को शह देना पड़ोसी देश पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ सकता है. सूत्रों के अनुसार, पैरिस में फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की मीटिंग में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में शामिल करने पर चर्चा हुई है.
पाकिस्तान को तीन महीने की चेतावनी दी गई है. इस चेतावनी के बावजूद अगर पाकिस्तान के रवैये में कोई बदलाव नहीं आता तो जून में उसे ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाएगा. पैरिस में फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की बैठक 18 से 23 फरवरी तक चली.
ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का भारत, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने समर्थन किया. इस मामले पर चीन का क्या रुख है उस पर भारत की नजरें बनी हुई हैं.
पाकिस्तान के लिए कैसे बड़ा झटका?
ग्रे लिस्ट में शामिल होने के बाद पाकिस्तान पर आर्थिक सख्ती बढ़ जाएगी. सामान्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से लोन लेना भी पाकिस्तान के लिए मुश्किल हो जाएगा. पाकिस्तान में निवेश करने में भी दूसरे देश हिचकेंगे.