कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को राज्य सरकार देगी मुआवजा, जानिए किस राज्य में कितनी रकम दी जा रही
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को अपने आदेश में कहा था कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है. उन लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि तय करनी ही होगी, जो कोरोना के शिकार हुए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार केंद्र ने कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट के 30 जून के निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने 11 सितंबर को दिशानिर्देश जारी किए. कोर्ट ने 30 जून को अपने फैसले में एनडीएमए को छह हफ्तों के अंदर मुआवजे के लिए दिशानिर्देशों की सिफारिश करने का निर्देश दिया था.
केंद्र ने कहा है कि राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) से मुआवजे का भुगतान करना होगा. लेकिन कुछ राज्यों ने एसडीआरएफ से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री राहत कोष जैसे अन्य स्रोतों से कोविड पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है. ये राज्य इस प्रकार हैं-
- आंध्र प्रदेश (अनाथ बच्चों को 10 लाख रुपये, माता-पिता की मृत्यु के मामले में 5 लाख रुपये)
- बिहार (4 लाख रुपये)
- हरियाणा (बीपीएल परिवारों को केवल 2 लाख रुपये)
- कर्नाटक (1 लाख रुपये)
- असम (1 लाख रुपये)
- तमिलनाडु (अनाथ बच्चों को 5 लाख रुपये और एकल माता-पिता की मृत्यु के मामले में 3 लाख रुपये)
- त्रिपुरा (तीन किश्तों में 10 लाख रुपये)
- नागालैंड (केवल कामकाजी पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख रुपये)
सुप्रीम कोर्ट का 30 जून का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को अपने आदेश में कहा था कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है. आपदा प्रबंधन अधिनियम (डीएमए) उन लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि तय करता है, जो महामारी के शिकार हुए. अधिनियम के तहत कोरोना संकट के राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया था.
याचिकाकर्ताओं ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की इस मांग को खारिज करते हुए 30 जून को एनडीएमए को छह हफ्तों के अंदर अनुग्रह राशि के लिए दिशानिर्देशों की सिफारिश करने का निर्देश दिया था. इसके बाद तीन सितंबर को कोर्ट ने कोविड से जान गंवा चुके लोगों के परिवारों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश तय करने में देरी होने को लेकर नाखुशी प्रकट की थी.
अब एनडीएमए द्वारा तय की गई मामूली राशि को सही ठहराते हुए केंद्र ने कहा, "कोविड एक आपदा है जो कम नहीं हुई है. मौतों की कुल संख्या में बढ़ोतरी जारी है. वायरस के नए रूपों और संभावित भविष्य की लहरों के बारे में अनिश्चितता है. इसलिए, अनुग्रह राशि से पड़ने वाले कुल अंतिम वित्तीय बोझ का पता लगाना संभव नहीं है."
बता दें, भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक कुल तीन करोड़ 35 लाख 63 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 4 लाख 46 हजार 50 लोगों की मौत हो चुकी है. ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
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