FIR On Richa Rajpoot: समाजवादी पार्टी का ट्विटर हैंडल चलाने वाले मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद सपा कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस मुख्यालय पहुंच गए. इस बीच लखनऊ पुलिस ने बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया हेड ऋचा राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सपा की शिकायत में ऋचा राजपूत पर ट्वीट में सपा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाया गया है.


इसके पहले लखनऊ पुलिस ने सपा का ट्विटर हैंडल चलाने वाले मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसपी शिरडकर ने इस संबंध में बताया एक राजनीतिक दल के सोशल मीडिया हैंडल द्वारा पत्रकारों और भाजपा प्रवक्ताओं और उनके परिजनों के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणी की जा रही थी। इस सम्बंध में कई एफ़आईआर दर्ज की गईं. इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जमा किए गए और आज मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ़्तारी की गई.


ऋचा राजपूत के खिलाफ केस


उन्होंने आगे जानकारी दी कि रविवार (8 जनवरी) को सपा की ओर से ऋचा राजपूत के ख़िलाफ़ तहरीर दी गई थी जिसमें एफआईआर दर्ज की गई है. जांच के बाद गिरफ्तारी की जाएगी.

कमिश्नर ने बताया सपा नेता की शिकायत पर डॉ. ऋचा राजपूत के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर मामला दर्ज किया गया है. हम जांच कर रहे हैं. महिलाओं के खिलाफ जहां भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल होता है, उन सभी मामलों में एक्शन लेना सरकार की प्राथमिकता है. सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


पुलिस बीजेपी कार्यकर्ता की तरह- अखिलेश


सपा का सोशल मीडिया हैंडल करने वाले की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव खुद पुलिस मुख्यालय पहुंचे. अखिलेश यादव ने कहा "पुलिस से लेकर प्रशासन तक, हर कोई बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहा है. उनका कानून, नियम और न्याय से कोई लेना-देना नहीं है. जब मैं पुलिस मुख्यालय पहुंचा तो वहां कोई दिखाई नहीं दे रहा था. यह पूरी तरह से खाली था. अगर वहां पर जनता को सुनने के लिए कोई नहीं है तो कल्पना कीजिए यूपी में किसकी सुनी जाती होगी."


समाजवादी पार्टी प्रमुख ने आगे कहा- "भाजपा सरकार में न्याय की उम्मीद मत रखिए. पुलिस प्रशासन उसके साथ है जो अन्याय कर रहा है झूठ बोल रहा है. जो सच बोलेगा वे सजा पाएगा. भाजपा जानबूझ कर गलत भाषा इस्तेमाल कराती है, गलत भाषा लिखवाती है जिससे दूसरे लोग भी उन्हें जवाब दें. पुलिस भाजपा की कार्यकर्ता बनकर काम कर रही है. हमारी मांग थी की भाजपा के जिन लोगों ने गलत भाषा का प्रयोग किया उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो. उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी."


अखिलेश यादव के आरोपों पर पुलिस


अखिलेश यादव ने पुलिस मुख्यालय में चाय पीने से इनकार कर दिया था. पूर्व सीएम ने कहा कि हम पुलिस की चाय नहीं पिएंगे. हम बाहर से चाय लाएंगे. पुलिस ने चाय में जहर दे दिया तो. अखिलेश के आरोपों पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि अखिलेश यादव ने बाद में अधिकारियों की मौजूदगी में चाय पी. सभी ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया. सभी वरिष्ठ अधिकारी यहां थे. उन्हें अच्छे से सुना गया और सारी बात समझाई गई. वह संतुष्ट होने के बाद यहां से गए.


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