नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीलिंग तोड़ने वाले दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. मनोज तिवारी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. तिवारी पर आईपीसी की धारा 188 और दिल्ली नगर निगम कानून की धारा 461 और 465 में केस दर्ज किया गया है. बता दें कि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अवैध कॉमर्शियल निर्माणों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई हो रही है.





दिल्ली में सीलिंग पर हाईवोल्टेज राजनीति हो रही है. रविवार को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक घर में की गई सीलिंग खोल दी थी. इसके जवाब में आप विधायक अनिल बाजपेयी की मौजूदगी में गांधीनगर इलाके में एक दुकान की सील तोड़ दी गई.


पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में एक घर पर बगैर लाइसेंस डेयरी चलाने के आरोप में सीलिंग की गई थी, जिसके विरोध में मनोज तिवारी ने घर का ताला तोड़ दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में मनोज पर FIR दर्ज हो चुकी है, इतना ही कल नहीं दिल्ली नगर निगम ने उस मकान पर दोबारा सीलिंग लगा दी.


अधिकारी केजरीवाल के साथ मिले हैं, हिम्मत है तो गिरफ्तार करें: तिवारी
मनोज तिवारी ने अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को विपक्ष ने ड्रामा बताया है. मनोज तिवारी का कहना है, ‘’मैं कल सुबह 11 बजे फिर से ताला तोड़ने जाउंगा. जिसे रोकना है रोक ले. तिवारी का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी पिक एंड चूज कर रही है. नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी भ्रष्ट हैं.’’ उन्होंने सवाल उठाया कि सीलिंग अभियान ओखला में क्यों नहीं चलाया जा रहा? तिवारी ने कहा कि सब अरविंद केजरीवाल की साजिश है. मैं केजरीवाल को सड़क पर आने की चुनौती देता हूं.


दिल्ली में सीलिंग का मामला क्या है ?
दिल्ली में निर्माण के लिए एमसीडी से इजाजत जरूरी है. अवैध निर्माण की शिकायतों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 2005 में एक्शन का आदेश दिया. सीलिंग विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण की सीलिंग के आदेश दिए.


तत्कालीन सरकार ने सीलिंग से बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया. कन्वर्जन चार्ज देकर दुकानदार सीलिंग से बच सकते हैं. कई कारोबारियों ने कन्वर्जन चार्ज नहीं दिया, नाराज सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों और प्रापर्टी को सील करने का आदेश दिया.


दिल्ली में दिसंबर 2017 से सीलिंग चल रही है. सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी की निगरानी में सीलिंग हो रही है. कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराने वालों पर सख्ती की जा रही है. दिल्ली के खान मार्केट, डिफेंस कॉलोनी, गोकलपुरी, नजफगढ़ और त्रिनगर में सीलिंग की कार्रवाई हो रही है. इसके साथ ही विश्वास नगर, पटपड़गंज, अमर कॉलोनी, राजौरी गार्डन, उत्तम नगर (ईस्ट) और तिलक नगर में भी सीलिंग की जा रही है. दिसंबर 2017-अप्रैल 2018 के बीच 6 हजार प्रॉपर्टी सील सील की जा सकती है.